रांची : रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार शुक्रवार को झारखंड शिक्षा परियोजना के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधीक्षक बादल राज ने की, जो इस मामले में नोडल पदाधिकारी भी हैं। बैठक का मुख्य उद्देश्य रांची जिले में संचालित गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संबंध में चर्चा करना और इन्हें नियमित करने के लिए दिशा-निर्देश देना था।
766 गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर विचार
जिला शिक्षा अधीक्षक ने बैठक के दौरान बताया कि रांची जिले में कुल 766 गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इनमें अधिकांश विद्यालय ऐसे हैं, जहां कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई होती है। इन विद्यालयों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE) के तहत अनिवार्य रूप से मान्यता प्राप्त करनी होगी।
प्रभाग प्रभारियों को निर्देश
बैठक में उपस्थित अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और प्रभाग प्रभारियों को निर्देश दिया गया कि अगले दो दिनों के भीतर सभी गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया जाए। मान्यता से संबंधित आवेदन सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.rte.jharkhand.gov.in पर करना होगा।
RTE अधिनियम का अनुपालन आवश्यक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार, कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा प्रदान करने वाले सभी विद्यालयों को मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है। इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और विद्यालय सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मानकों का पालन करें।
प्रशासन का उद्देश्य
गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को नियमित करना प्रशासन के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है। यह कदम बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। इस प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विद्यालय जरूरी बुनियादी ढांचे, योग्य शिक्षकों और निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करें।
अभिभावकों के लिए जागरूकता की आवश्यकता
इस कदम का उद्देश्य सिर्फ विद्यालयों को नियमित करना नहीं है, बल्कि अभिभावकों के बीच जागरूकता फैलाना भी है। अभिभावकों को यह समझने की जरूरत है कि गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने से बच्चों को आगे चलकर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
प्रभाग प्रभारियों द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी विद्यालय मान्यता प्राप्त करने के लिए आवेदन करें। इस प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं।