रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा वर्ष 2016 में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के संबंध में दाखिल की गई याचिकाओं पर झारखंड हाईकोर्ट में 17 दिसंबर को अंतिम सुनवाई होगी। यह मामला उच्च न्यायालय में कई महीनों से चल रहा था, जिसमें उच्च न्यायालय ने पहले भी JSSC को निर्देश दिया था कि वह वर्ष 2016 के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन के तहत राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करे। अब इस मामले में अदालत ने 17 दिसंबर को अंतिम सुनवाई की तारीख निर्धारित की है, जिसमें याचिकाकर्ताओं के प्राप्तांक और राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
क्या है मामला?
वर्ष 2016 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने हाईस्कूल शिक्षक की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें राज्यभर से हजारों उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इन उम्मीदवारों में से कुछ ने अपनी नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाओं में आरोप था कि नियुक्ति में जिन उम्मीदवारों का चयन किया गया है, उनके अंक उन उम्मीदवारों से अधिक थे जिन्होंने मेरिट लिस्ट में उच्च स्थान प्राप्त किया था।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में यह भी आरोप लगाया था कि उन्हें चयन प्रक्रिया में समान अवसर नहीं दिए गए। याचिकाकर्ताओं में मीना कुमारी और अन्य छह अभ्यर्थी शामिल हैं, जिन्होंने हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने पिछले साल JSSC से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या जिन उम्मीदवारों का चयन किया गया है, उनके अंक उन अभ्यर्थियों से कम थे, जो मेरिट लिस्ट में ऊँचे स्थान पर थे।
हाईकोर्ट के निर्देश और आगे की प्रक्रिया
झारखंड हाईकोर्ट ने पहले भी JSSC को निर्देश दिया था कि वह 2016 के हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति विज्ञापन के अंतर्गत राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट तैयार करे और इसे सार्वजनिक करे। इसके बाद, अदालत ने यह भी आदेश दिया कि यदि याचिकाकर्ताओं के अंक चयनित उम्मीदवारों से अधिक हैं तो उनकी नियुक्ति प्रक्रिया को फिर से देखा जाए।
अब 17 दिसंबर को होने वाली अंतिम सुनवाई में उच्च न्यायालय यह फैसला करेगा कि चयनित उम्मीदवारों का चयन प्रक्रिया में क्या कोई अनियमितता है और क्या याचिकाकर्ताओं के अंक ज्यादा होने पर उनकी नियुक्ति की जा सकती है। इस सुनवाई में यह भी तय होगा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है या नहीं और क्या नियुक्ति के लिए पुनः परीक्षा या कोई अन्य कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
क्या कहता है JSSC?
JSSC की ओर से मामले की सुनवाई में अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल और प्रिंस कुमार ने कोर्ट में बहस की है। उन्होंने दावा किया है कि आयोग ने नियुक्ति प्रक्रिया में सभी नियमों का पालन किया है और यदि कुछ समस्याएं या शिकायतें आई हैं, तो उन्हें उचित तरीके से हल किया जाएगा। हालांकि, कोर्ट की तरफ से निर्देश मिलने के बाद भी आयोग को अभी तक राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट जारी करने में देरी हुई है।
सुनवाई पर नजर
17 दिसंबर को होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि इस दिन अदालत में इस मामले की अंतिम सुनवाई होगी और यह स्पष्ट होगा कि अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया में क्या निर्णय लिया जाएगा। झारखंड हाईकोर्ट का यह फैसला लाखों युवाओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जो JSSC के इस हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले से जुड़ी उम्मीदों और भविष्य के बारे में चिंतित हैं।