रांची : सामाजिक कार्यों में सक्रिय मुक्ति संस्था ने रविवार को 34 लावारिश और अज्ञात शवों का पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार किया। यह आयोजन रांची के जुमार नदी के तट पर हुआ, जहां संस्था के सदस्य रिम्स मोर्चरी से शवों को लेकर पहुंचे और उन्हें मुखाग्नि दी। संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने इन शवों को सम्मान प्रदान करते हुए अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की।
मुक्ति संस्था का समर्पण और सामाजिक योगदान
प्रवीण लोहिया ने इस अवसर पर बताया कि अब तक मुक्ति संस्था ने 1917 अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार किया है, जो एक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य है। संस्था का उद्देश्य अज्ञात शवों को भी सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई देना है, ताकि उनकी मृत्यु के बाद भी उन्हें उचित सम्मान मिल सके। इस आयोजन में अंतिम अरदास परमजीत सिंह टिंकू ने की, जो एक भावुक और श्रद्धांजलि से भरी प्रक्रिया थी।
संस्था के सदस्य मौजूद
इस धार्मिक और सम्मानपूर्ण मौके पर मुक्ति संस्था के कई सदस्य मौजूद थे, जिनमें रवि अग्रवाल, सीताराम, कौशिक, कमल चौधरी, उज्ज्वल जैन, आशीष भाटिया, रतन अग्रवाल, संदीप कुमार, सुनील अग्रवाल, बलबीर जैन, मोती सिंह, नीरज खेतान, अमित किशोर, संजय सिंह, विनोद जैन बेगवानी, हरीश नागपाल, आरके गांधी, विजय धानुका, विष्णु गोयल, आदित्य शर्मा और अन्य लोग शामिल थे।
मुक्ति संस्था
मुक्ति संस्था का यह प्रयास न केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य है, बल्कि यह समाज में एक प्रेरणा का स्रोत भी बनता है। संस्था के सदस्य हर साल ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज को यह संदेश देते हैं कि अज्ञात शवों को भी सम्मान मिलना चाहिए और हर व्यक्ति की मृत्यु के बाद उचित सम्मान दिया जाना चाहिए।