रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में कुछ महीने पहले बदलाव किया गया है। पहले जहां काउंटर पर रजिस्ट्रेशन किया जाता था, अब आभा ऐप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की नई प्रणाली शुरू की गई है। इस बदलाव के बावजूद मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर दूर-दराज से आने वाले और जानकारी की कमी वाले गरीब मरीजों के लिए यह प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है। हालांकि सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक में ये व्यवस्था लागू ही नहीं है। इसका खामियाजा यहां आनेवाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। स्कैन एंड शेयर सिस्टम के बावजूद लाइन में खड़े होकर मरीजों को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ रहा है। इससे लोगों को खासी परेशानी तो हो ही है, उनका काफी समय बर्बाद होता है।
ऐप इंस्टॉल करना है
नई व्यवस्था के तहत मरीजों को काउंटर पर पहुंचने के बाद ऐप इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है। इससे मरीजों और उनके साथ आए अटेंडेंट्स को काफी परेशानी हो रही है। हालांकि लोग पूछकर ये भी करने को तैयार हैं। लेकिन कई मरीजों को तो मोबाइल ऐप का इस्तेमाल भी नहीं आता, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया धीमी और जटिल हो गई है। इस कारण काउंटर पर मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं और जिन मरीजों को खड़ा होने में भी कठिनाई होती है वे भी परेशान हैं।
रिम्स की पुरानी बिल्डिंग में रजिस्ट्रेशन के लिए अब पांच काउंटर हैं। इनमें से तीन पर ऐप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन हो रहा है, जबकि केवल दो काउंटर पर ही पारंपरिक रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। वहीं सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में 2 काउंटर है, जिससे यहां आनेवाले मरीजों की परेशानी बढ़ गयी है। स्कैन एंड शेयर करने के बावजूद लाइन में घंटों खड़े रहने के अलावा कोई चारा नहीं है। बुजुर्ग, महिला और बच्चों के लिए यह नया सिस्टम विशेष रूप से परेशानी खड़ी कर रहा है। बदलाव का उद्देश्य मरीजों के समय की बचत करना था, लेकिन अब यह व्यवस्था उलटी पड़ती नजर आ रही है। रिम्स में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए घंटों लंबी लाइन में खड़ा रहना मरीजों के लिए हमेशा से एक समस्या रही है। नया सिस्टम इस परेशानी को हल करने के लिए लागू किया गया था, लेकिन इसकी जटिलताएं मरीजों के लिए और भी बड़ी समस्या बन गई हैं।
ऑनलाइन रिकॉर्ड है उद्देश्य
आभा कार्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की नई व्यवस्था का उद्देश्य मरीजों को लाइन में खड़ा होने की समस्या से निजात दिलाना था। इस व्यवस्था में मरीज अब घर बैठे भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। जिससे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और इलाज से जुड़े कागजात को लेकर होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। हालांकि, इसकी जानकारी का अभाव और प्रक्रिया की जटिलताएं फिलहाल मरीजों के लिए समस्या बनी हुई हैं।
इस संबंध में रिम्स के जनसंपर्क विभाग से बताया गया कि ऐसी कोई जानकारी फिलहाल नहीं है। सिस्टम काम कर रहा है। मरीजों को इससे राहत मिली है। अगर कहीं काम नहीं हो रहा है और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है तो मामले को देखा जाएगा।