रांची : झारखंड सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर प्रतिबंध लागू किए जाने के बावजूद राजधानी रांची में इसका व्यापक रूप से उपयोग जारी है। राज्य में 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। सब्जी बाजारों से लेकर छोटी-बड़ी दुकानों तक प्लास्टिक बैग और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं खुलेआम उपयोग में लाई जा रही हैं।
झारखंड में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध
झारखंड सरकार ने सबसे पहले वर्ष 2017 में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे जुलाई 2022 में और अधिक सख्ती के साथ लागू किया गया। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलिथीन बैग, प्लास्टिक कप, प्लेट, चम्मच, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रॉ और फूड पैकेजिंग सामग्री जैसी कुल 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध है।
ग्राहकों की मांग से बढ़ रही समस्या
स्थानीय सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ग्राहक थैला लेकर नहीं आते और पॉलिथिन की मांग करते हैं। दुकानदारों के अनुसार, मना करने पर ग्राहक नाराज हो जाते हैं और खरीदारी छोड़ देते हैं। इससे व्यापार पर असर पड़ता है। वहीं, कुछ दुकानदारों ने यह भी बताया कि निगम की टीम जुर्माना लगाने के बजाय केवल खानापूर्ति करती है।
नगर निगम की कार्रवाई और जागरूकता की कमी
रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह के अनुसार, निगम की इंफोर्समेंट टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता की भारी कमी है, जो इस समस्या को और गंभीर बना रही है। नगर निगम सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चला रहा है और दोषियों पर 500 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कैसे पहुंच रहा है बाजार में प्रतिबंधित प्लास्टिक?
स्थानीय नागरिकों का सवाल है कि जब इन उत्पादों पर प्रतिबंध है तो ये दुकानों तक कैसे पहुंच रहे हैं? इसका सीधा जवाब है – निगरानी में ढील। नगर निकायों को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन नियमित निरीक्षण और कड़े दंड की कमी के कारण यह अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो पा रहा है।
स्थायी समाधान की आवश्यकता
पर्यावरणविदों के अनुसार, जब तक जागरूकता, निगरानी और वैकल्पिक विकल्पों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की जाती, तब तक सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण रोक संभव नहीं है। सरकार को चाहिए कि वह पर्यावरण के संरक्षण हेतु न केवल सख्त कानून लागू करे, बल्कि उन पर ईमानदारी से अमल भी कराए।