नई दिल्ली : संसद का विशेष सत्र 18 से शुरू हो रहा है। इसे लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है। सत्र 22 सितंबर तक चलेगा। विशेष सत्र में सरकार चार बिल पास कराने वाली है। इन चार में से दो बिल ऐसे हैं जो हाल ही हुए मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा से पास हो चुके हैं और लोकसभा में पेंडिंग हैं। वहीं, दो विधेयक ऐसे हैं, जिन्हें सरकार ने राज्यसभा में पेश तो कर दिया था लेकिन ये मानसून सत्र के दौरान पास नहीं हो पाए थे। विशेष सत्र नये संसद भवन में होने जा रहा है। इसे लेकर सरकार जोर-शोर से तैयारियां कर रही है। जानकारी के अनुसार विशेष सत्र से पहले सांसद व मंत्रियों के सीटों का आवंटन हो चुका है। कार्यालयों में शिफ्टिंग का काम जारी है।
नये ड्रेस कोड में नजर आयेंगे स्टॉफ
इसके साथ ही स्टॉफ भी नये ड्रेस कोड में नजर आयेंगे। सरकार की यह कोशिश है कि तमाम इंतजाम सत्र शुरू होने से पहले पूरे कर लिये जाये, जिससे तैयारियों के संबंध में विपक्षी पार्टियों को कोई मुद्दा न मिले। सरकार ने तैयारियों को लेकर अधिकारियों को ससमय काम पूरा करने का दिशा निर्देश दिया है।
संसद में मंत्रियों का ठिकाना बदला
मोदी सरकार के 11 सीनियर मंत्रियों को ग्राउंड फ्लोर पर कमरे अलॉट किए गए हैं। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, विदेश मंत्री एस जयशंकर, अर्जुन मुंडा, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव को ग्राउंड फ्लोर पर कमरा मिला है। जबकि नारायण राणे, सर्वानंद सोनोवाल, वीरेंद्र कुमार, गिरिराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पशुपति कुमार पारस, गजेंद्र सिंह शेखाव, किरेन रिजिजू और आर के सिंह, समेत कुछ मंत्रियों को फर्स्ट फ्लोर पर रूम अलॉट किये गये हैं।
19 सितंबर से नये संसद भवन में शुरू होगा सत्र, फोटो सेशन की भी तैयारी
18 सितंबर से शुरू हो रहे है संसद के विशेष सत्र के लिए इस बार तीन दिनों तक रिहर्सल किया गया। 19 सितंबर को संसद का विशेष सत्र नये संसद भवन में होगा। विशेष सत्र के लिए पुराने भवन में एक दिन और संसद के नये भवन में दो दिनों तक रिहर्सल किया गया।
संसद के पुराने भवन में सत्र को लेकर तमाम व्यवस्थाएं पहले से ही मौजूद हैं। चूंकि इस बार विशेष सत्र के पहले ही दिन यानी 18 सितंबर को संसद भवन की पुरानी इमारत में ही फोटो सेशन होना है, इसलिए वहां भी खास तैयारियां की गई हैं। जबकि संसद के नये भवन के लिए, यह पहला सत्र होगा इसलिए नई इमारत में संसद सत्र को लेकर तमाम व्यवस्थाओं और सुविधाओं को चेक करने के लिए दो दिनों तक रिहर्सल किया गया।
पांच दिन तक बीजेपी के सभी मंत्री सांसद रहेंगे मौजूद, तीन लाइन का व्हिप जारी
भाजपा ने 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र को लेकर पहले ही तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। इसमें अपने लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को 18 से 22 सितंबर तक, पांचों दिन सदन की कार्यवाही के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करने का निर्देश दे दिया है। वहीं सरकार की तरफ से भी सभी मंत्रियों को सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहने का निर्देश जारी किया गया है। इसे लेकर विशेष सत्र के दौरान सभी मंत्रियों की स्पेशल ड्यूटी लगाने के सरकार के फैसले को फिर एक बार बल मिलने लगा है।
नई संसद भवन के कुछ जाने वाले तथ्य
त्रिकोणीय आकार: नया संसद भवन आकार में त्रिकोणीय है, यह ऐसा इसलिये है क्योंकि जिस भूखंड पर बना है वह त्रिकोणीय है। नये संसद भवन का स्वरूप विभिन्न धर्मों में पाई जाने वाली पवित्र ज्यामिति से प्रभावित है। इसका डिजाइन और सामग्री पुरानी संसद की पूरक है, साथ ही दोनों भवनों का एक परिसर है।
पर्यावरण के अनुकूल: हरित निर्माण तकनीकों का उपयोग के कारण निर्मित नये भवन में पुराने भवन की तुलना में विद्युत की खपत में 30% की कमी आने की उम्मीद है। इसमें वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण प्रणालियों को शामिल किया गया है। यह अधिक स्थान की उपलब्धता के लिए डिजाइन किया गया है, साथ ही यह अगले 150 वर्षों तक कार्य करने में सक्षम है।
भूकंप-सुरक्षित: चूंकि दिल्ली भूकंपीय क्षेत्र-V में है, इसलिये इमारत को भूकंप-रोधी बनाया गया है।
लोकसभा: नये लोकसभा कक्ष में एक मोर विषयवस्तु को अपनाया गया है, जिसमें दीवारों और छत पर राष्ट्रीय पक्षी के पंखों के समान नक्काशीदार डिजाइन तैयार किये गये हैं, जो टील कार्पेट से सुसज्जित हैं। लोकसभा कक्ष में वर्तमान के 543 के बजाय 888 सीटें होंगी, जिसकी क्षमता बढ़कर 1,272 हो जायेगी। सेंट्रल हॉल के अभाव में लोकसभा का उपयोग दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए किया जायेगा।
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राज्यसभा: राज्यसभा कक्ष को लाल कालीनों के साथ इसकी थीम के रूप में कमल से सजाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में एक बेंच पर दो सांसद बैठ सकेंगे और प्रत्येक सांसद की डेस्क पर टच स्क्रीन होगी। राज्यसभा कक्ष अब 250 की मौजूदा क्षमता के विपरीत 384 संसद सदस्यों (सांसदों) को समायोजित कर सकता है। परिसीमन के बाद सांसदों की संख्या में भविष्य में होने वाली किसी भी वृद्धि को ध्यान में रखकर दोनों कक्षों की क्षमता को पहले से अधिक किया गया है।
संविधान सभागार: नये भवन में एक संविधान सभागार बनाया गया है, जहां भारतीय लोकतंत्र की यात्रा का दस्तावेजीकरण किया गया है।