रांची: झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल संतोष गंगवार ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने राज्यवासियों को संबोधित करते हुए सरकार की विभिन्न योजनाओं और राज्य में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी दी।
सुशासन और न्याय सरकार के लिए प्राथमिकता
राज्यपाल ने अपने संबोधन में झारखंड की विकास यात्रा और राज्य सरकार की योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा सुशासन और न्याय के साथ विकास को प्राथमिकता देती रही है। उन्होंने विशेष रूप से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। राज्य के विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल उन्मूलन अभियान की सफलता पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।

नक्सल व संगठित अपराध के खिलाफ उठाए गए सख्त कदम
राज्यपाल के मुताबिक, वर्ष 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 25 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 9 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। इसके अलावा, संगठित अपराध पर नियंत्रण के लिए भी कड़े कदम उठाए गए, जिसमें 154 संगठित गिरोहों के अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अलकायदा के 4 आतंकवादी भी शामिल थे।

साइबर अपराध पर प्रभावी नियंत्रण
संतोष गंगवार ने अपने संबोधन में डिजिटल युग में साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए निर्मित प्रतिबिम्ब एप का प्रभावी तरीके से उपयोग किया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में कुल 898 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है और पीड़ितों को उनकी राशि भी वापस की गई है।
ग्रामीण महिलाएं राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़

राज्यपाल ने राज्य की महिला सशक्तिकरण योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि झारखंड की ग्रामीण महिलाएं राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। राज्य सरकार ने सखी मंडल के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। अब तक 2.8 लाख सखी मंडलों को 452 करोड़ रुपये चक्रीय निधि और 1946 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराई गई है।
इसके अलावा, फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत 38 हजार से अधिक महिलाओं को वैकल्पिक आजीविका से जोड़ा गया, जिनमें हड़िया-दारू बिक्री छोड़कर सम्मानजनक व्यवसाय अपनाने वाली महिलाएं शामिल हैं। राज्यपाल ने यह भी बताया कि महिला सम्मान योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की सभी महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह डीबीटी के माध्यम से दिए जा रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल हो रही है।