RANCHI: रिम्स में डॉक्टर डायरेक्टर का आदेश नहीं मान रहे है। कुछ महीने पहले डायरेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि सभी डॉक्टर मरीजों को केवल जेनरिक दवाएं ही लिखेंगे जिससे कि इलाज सस्ता और सुलभ हो सके। लेकिन हालात यह हैं कि कई डॉक्टर अब भी ब्रांडेड दवाएं लिख रहे हैं, जिससे मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। यह देखते हुए डायरेक्टर ने चेतावनी दी है कि जो भी डॉक्टर इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निदेशक ने सभी विभागाध्यक्षों को इस संबंध में सख्त निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि डॉक्टर मरीजों को केवल वहीं दवाएं लिखें जो अस्पताल में उपलब्ध हैं और जेनरिक हों।
70 परसेंट दवाएं अवेलेबल
रिम्स प्रबंधन का दावा है कि अस्पताल में जरूरत की लगभग 70 प्रतिशत दवाएं उपलब्ध हैं, जो इलाजरत मरीजों को दी जा रही है। लेकिन जब डॉक्टर ब्रांडेड दवाएं लिखते हैं, तो मरीजों को अस्पताल के बाहर जाकर महंगे दाम पर दवा खरीदनी पड़ती है। जिससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसकी शिकायत भी रिम्स प्रबंधन को मिली है। इसके बाद डायरेक्टर ने सख्ती के निर्देश दिए है।
हर दिन आ रहे 2200 मरीज
रिम्स की ओपीडी में हर दिन औसतन 2000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके अलावा 200 से ज्यादा मरीज इमरजेंसी में पहुंच रहे है। उसमें से सवा दो सौ मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। वहीं अस्पताल के इनडोर में 1500 से अधिक मरीज हर समय भर्ती रहते हैं। इतनी बड़ी संख्या में मरीजों की सेवा के लिए जरूरी है कि डॉक्टर न केवल गुणवत्तापूर्ण इलाज करें, बल्कि अस्पताल के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए जेनरिक दवाएं लिखें।
प्रबंधन रख रहा नजर
रिम्स प्रशासन द्वारा पहले भी कई बार इस दिशा में बैठकें की गई हैं। अब अस्पताल प्रबंधन ने सख्त रुख अपनाते हुए विभागीय समीक्षा शुरू कर दी है। जिन डॉक्टरों द्वारा आदेशों की अनदेखी की गई है, उनकी सूची तैयार की जा रही है। डायरेक्टर डॉ राजकुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य मरीजों को बेहतर और सस्ता इलाज उपलब्ध कराना है। जेनरिक दवाएं न केवल सस्ती होती हैं बल्कि गुणवत्ता में भी प्रमाणित होती हैं। अगर डॉक्टर ब्रांडेड दवाएं लिखते हैं, तो यह मरीजों के साथ अन्याय है।
सिस्टम को किया जा रहा अपडेट
रिम्स प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्टोर और दवा सप्लाई सिस्टम को लगातार अपडेट किया जा रहा है, ताकि किसी भी जरूरी दवा की कमी न हो। उन्होंने कहा कि अमृत फार्मेसी को अब रेगुलर दवाएं और इंप्लांट की सप्लाई करने को कहा है। जिससे कि मरीजों को सस्ते दर पर इंप्लांट व स्टेंट मिलता रहे।
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