राउरकेला : चक्रधरपुर रेल मंडल में आरपीएफ का क्रूर और अमानवीय चेहरा सामने आया है। आरपीएफ ने दो आदिवासी युवकों को तीन दिन तक थाने में बंद रखा और फिर उनके गुप्तांग में तीन दिनों तक खूब पिटाई की। इस क्रूरता से जख्मी दोनों युवकों को ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। मामला चक्रधरपुर रेल मंडल के ओडिशा में स्थित बीमलगढ आरपीएफ थाना क्षेत्र का है।
युवकों पर लगाया डीजल चोरी का आरोप
यहां पाटासाही रेलवे स्टेशन पर दो महीने पहले रेलवे इंजन से 600 लीटर डीजल तेल चोरी के मामले पर बीमलगढ़ आरपीएफ का नया करतूत सामने आया है। इस चोरी के मामले पर बीमलगढ़ आरपीएफ ने दुम्बी इचागुटु और छोटेलाल इचागुटु नामक दो आदिवासी युवक को चोरी के आरोप में हिरासत में लिया। इसके बाद उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर कर घायल कर दिया, जो अब सामने आई है।
थर्ड डिग्री टॉर्चर कर दोनों भाइयों को किया घायल
आरपीएफ हिरासत में जिन दो युवकों की पिटाई हुई है वे रिश्ते में सगे भाई हैं। आरपीएफ के थर्ड डिग्री का शिकार हुए दोनो भाई सुंदरगढ़ जिले के कोइड़ा प्रखंड पन्ना पंचायत के जाहीकुदर गांव के निवासी हैं। आरपीएफ ने दोनों भाइयों को उस समय उठा लिया, जब वे अपने परिवार के साथ रात में घर पर सो रहे थे। जिसके बाद आरपीएफ ने इन दोनों भाईयो को आरपीएफ थाना ले जाकर हैवानियत की हद पार कर दी। आरपीएफ ने दोनो भाईयो को बांस के डंडे से उनके गुप्तागों में बेरहमी से ताबड़तोड़ पिटाई की। इसके बाद उनके पैरों पर गर्म पानी डाल देने की भी बात सामने आई है। इतने से मन नहीं भरा तो उन्होंने इन दोनों भाइयों को बिजली के झटके देने का असहनीय दर्द भी दिया है।
आरपीएफ के हैवानियत के शिकार हुए दोनों भाई लगातार आरपीएफ से कहते रहे कि उन्होंने डीजल तेल की चोरी नहीं की है। लेकिन इसके बावजूद आरपीएफ रुकी नहीं और लगातार तीन दिनों तक आरपीएफ थाना में रखकर उन्हें पीटा। थर्ड डिग्री टॉर्चर करने के बाद आरपीएफ ने दोनों भाइयों को तीन तारीख की शाम को छोड़ दिया। घर पहुंचने के बाद दोनों भाई न्याय के लिए चार अक्टूबर को अपने परिवार के साथ केबलांग थाना पहुंचे और थाना प्रभारी को सारी घटना बताई। जिसके बाद केबलांग पुलिस दोनों भाइयों को इलाज के लिए केबलांग सरकारी स्वास्थ्य केंद्र को लेकर गए। जहां मौजूद डॉक्टरों ने बताया कि दोनों भाइयों को गहरी चोट लगी है और दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया।
दोषी RPF कर्मियों पर कार्रवाई की मांग
आरपीएफ द्वारा किए गए इस हरकत का आदिवासी संप्रदाय के लोगों ने घोर निन्दा करते हुए जल्द ही दोषी आरपीएफ कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि जिस आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में जुएल ओराम लगातार चार बार आदिवासी कल्याण मंत्री रह चुके हैं, साथ ही जिस राज्य में मुख्यमंत्री खुद आदिवासी हैं, उस राज्य में आरपीएफ द्वारा आदिवासियों पर दरिंदगी का ये मंजर पूरे राज्य के आदिवासियों को चौंका दिया है।