G20 Summit : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरियो पहुंचे हैं। वहां उन्होंने अपने कई समकक्षों से मुलाकात की। इस दौरान विदेश मंत्री ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात की। दोनों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा और भारत-चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।
ब्राजील में हुई इस मुलाकात में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात के दौरान भारत-चीन संबंधों में अगले कदम पर चर्चा की। इस चर्चा में तीर्थयात्रियों की कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडिया एक्सचेंज जैसे मुद्दे शामिल रहे।
विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा….
बता दें कि ब्राजील के रियो डी जेनेरियो शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित की गई है। इस सम्मेलन के लिए जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहुंचे हैं। चीनी विदेश मंत्री से मुलाक़ात के संबंध में एस जयशंकर ने X पर पोस्ट कर लिखा कि रियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान CPC पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की। हमने भारत-चीन सीमा के क्षेत्रों में हाल ही में हुई सैन्य वापसी में हुई प्रगति पर गौर किया। साथ ही, अपने द्विपक्षीय संबंधों में अगले कदमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वैश्विक स्थिति पर भी चर्चा हुई।
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस बात पर भी सहमति जताई कि जल्द ही दोनों देशों के विदेश प्रतिनिधि और विदेश सचिव के स्तर के अधिकारियों के बीच जल्द ही बैठक होगी। इस संबंध में विदेश मंत्रालय ने पोस्ट कर कहा कि विदेश मंत्रियों ने माना कि हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी ने शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद की है। चर्चा भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर केंद्रित रही। जिन कदमों पर चर्चा की गई, उनमें- कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार की नदियों पर डेटा साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडिया आदान-प्रदान शामिल थे।
आगे वैश्विक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एस जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच मतभेद और समानताएं दोनों हैं। हमने BRICS और SCO फ्रेमवर्क में रचनात्मक रूप से काम किया है। जी-20 में भी हमारा सहयोग स्पष्ट रहा है। जयशंकर ने कहा कि हम मल्टीपोलर एशिया समेत बहुध्रुवीय विश्व के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। हम प्रभुत्व स्थापित करने के एकतरफा दृष्टिकोण के ख़िलाफ़ हैं। भारत अपने रिश्तों को दूसरे देशों के चश्मे से नहीं देखता है।
इस बैठक के बाद चीन की ओर से भी बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि दोनों पक्ष भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने तथा दोनों देशों में कार्यक्रम आयोजित करने की प्लानिंग कर रहे हैं। बताते चलें, 21 अक्टूबर, 2024 को भारत और चीन ने एलएसी के देपसांग मैदानों और डेमचोक पर गश्त समझौता किया था। इसके बाद ही ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत के लिए जमीन तैयार हुई थी।