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Sahara Desert में भारी बारिश, 50 साल बाद रेगिस्तान में बाढ़ का मंजर

NASA द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ज़गोरा और टाटा के शहरों के बीच आधी सदी से सूखी पड़ी झील इरिकि झील अचानक लगातार बारिश से भर गई। इन तस्वीरों में तूफानों से बने रेत के पहाड़ों और रेगिस्तानी पौधों से घिरे रेत में पानी बहता हुआ दिखाई देता है।

by Priya Shandilya
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सहारा रेगिस्तान, जिसे पृथ्वी पर सबसे शुष्क स्थानों में से एक माना जाता है, वहां के दक्षिण-पूर्वी मोरक्को में बीते दिनों दो दिनों तक भारी बारिश हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार इन दो दिनों की भारी बारिश की वजह से रेगिस्तान में बाढ़ की स्थिति बन गई है।

मोरक्को की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि राजधानी रबात से 450 किलोमीटर दक्षिण में स्थित टैगौनाइट गांव में सितंबर में केवल 24 घंटों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है। यह मात्रा कई शुष्क क्षेत्रों के लिए वार्षिक औसत की तुलना में, 250 मिमी से अधिक है।

50 साल बाद सूखी झील “इरिकि” भी भर गई है

NASA द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ज़गोरा और टाटा के शहरों के बीच आधी सदी से सूखी पड़ी झील इरिकि झील अचानक लगातार बारिश से भर गई। इन तस्वीरों में तूफानों से बने रेत के पहाड़ों और रेगिस्तानी पौधों से घिरे रेत में पानी बहता हुआ दिखाई देता है।

14 अगस्त को कैप्चर की गई इमेजेज में वही क्षेत्र सूखा और बंजर था। 7 और 8 सितंबर को, चक्रवात ने उत्तर-पश्चिमी सहारा के कुछ हिस्सों को भिगो दिया। विशेष रूप से क्षेत्र के बड़े, वृक्षविहीन हिस्से को। यह एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय परिवर्तन है।

9 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैले सहारा रेगिस्तान को ग्लोबल वार्मिंग से जुड़ी चरम मौसम की घटनाओं से बढ़ते खतरों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विज्ञानियों का मानना ​​है कि ये भारी बारिश, जिसे अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान कहा जाता है, आने वाले सालों में इस क्षेत्र के मौसम के पैटर्न को बदल सकती है। चूंकि हवा में अधिक नमी होती है, इसलिए इससे वाष्पीकरण बढ़ सकता है और भविष्य में और अधिक तूफान आ सकते हैं।

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