लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने संभल हिंसा के पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी है। यह मदद पार्टी के एक डेलीगेशन द्वारा सौंपे गए चेक के रूप में दी गई, जो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में संभल पहुंचे थे। डेलीगेशन ने गेस्ट हाउस में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें इस सहायता राशि का चेक सौंपा।
पीड़तों के साथ है समाजवादी पार्टी: माता प्रसाद
समाजवादी पार्टी ने हिंसा के दौरान मारे गए पांच लोगों के परिवारों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त की और सरकार से न्याय की मांग की। माता प्रसाद पांडे ने कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ितों के साथ खड़ी है और सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। पार्टी ने पहले ही घोषणा की थी कि वह हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की मदद देगी। इस मदद को डेलीगेशन के माध्यम से पीड़ित परिवारों तक पहुंचाया गया।
डेलीगेशन को संभल जाने से रोकने का आरोप
माता प्रसाद पांडे ने हिंसा के संदर्भ में कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पुलिस ने निहत्थे लोगों पर गोली चलाई, जिसके परिणामस्वरूप पांच लोगों की मौत हो गई। उन्होंने यह भी आरोप लगया कि पहले समाजवादी पार्टी के डेलीगेशन को संभल जाने से रोका गया था, जबकि यह जरूरी था कि वे पीड़ित परिवारों से मिलते और उन्हें सांत्वना देते।
पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ जो मामले दर्ज किए गए हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। पांडे ने सरकार और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए और इसे अन्यायपूर्ण बताया।
24 नवंबर को पथराव बाद फायरिंग की हुई थी घटना
संभल में हुई हिंसा 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद में एक अदालत के आदेश के तहत किए गए सर्वेक्षण के बाद भड़की। सर्वेक्षण में यह दावा किया गया कि मस्जिद के स्थान पर पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था। जब सर्वेक्षण दल मस्जिद के अंदर था, तो उसके बाहर हिंसा भड़क गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, फायरिंग की और कई गाड़ियों को जला दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस और फायरिंग तक का सहारा लेना पड़ा।
50 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
हिंसा में पांच युवक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक करीब 50 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा ने संभल जिले में तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी और इसके बाद कई राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से उठाया।
हिंसा पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की सपा ने की मांग
संभल हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी ने राज्य सरकार और पुलिस की निंदा की और इसे पूरी तरह से सरकार की विफलता बताया। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार जानबूझकर पीड़ितों को न्याय से वंचित करने का प्रयास कर रही है। पार्टी का यह भी कहना था कि इस हिंसा के पीड़ितों को उचित मुआवजा और मदद मिलनी चाहिए।
राजनीतिक मुद्दा बनी संभल की घटना
समाजवादी पार्टी के नेता यह भी कह रहे हैं कि सरकार द्वारा इस मामले में जांच को प्रभावित किया जा रहा है और विपक्ष को इस मुद्दे पर बोलने से रोका जा रहा है। इस विवाद ने प्रदेश में एक नया राजनीतिक मोर्चा खोल दिया है, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है।
पुलिस पर भी लगाए जा रहे आरोप
संभल हिंसा ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में भी एक नया मोड़ ले लिया है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी ने पीड़ितों को सहायता देने की बात की है, वहीं दूसरी ओर सरकार और पुलिस पर आरोपों का सिलसिला जारी है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में न्याय मिलने तक हिंसा के पीड़ित परिवारों को और किस प्रकार की मदद मिलती है और राजनीतिक दल इस मुद्दे पर आगे किस तरह से कदम उठाते हैं।
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