लखनऊ : यूपी के संभल जिले में समाजवादी पार्टी के नेता फिरोज खां ने एक ऐसी अनोखी मांग उठाई है, जो राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि जैसे कांवड़ यात्रा और महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई जाती है, वैसे ही ईद और अलविदा जुमा की नमाज के दौरान भी नमाजियों पर पुष्पवर्षा की जानी चाहिए।
सपा नेता का बयान : नमाजियों की भावनाओं का सम्मान हो
फिरोज खां ने कहा कि मुसलमानों के लिए रमजान का महीना खास महत्व रखता है। एक महीने की इबादत के बाद जब ईद और अलविदा जुमा का दिन आता है, तो यह समय उनके लिए अत्यंत शुभ और खुशी का होता है। खां का कहना था कि जैसे कांवड़ यात्रा में लाखों कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा कराई जाती है, वैसे ही इस खास मौके पर नमाजियों पर भी पुष्पवर्षा होनी चाहिए। उनका यह भी कहना था कि इससे न केवल मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का सम्मान होगा, बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी जाएगा।
यह है सपा नेता की मांग
फिरोज खां ने संभल के एसडीएम वंदना मिश्रा को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री से यह अपील की कि प्रशासन को नमाजियों के लिए भी हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा करने की व्यवस्था करनी चाहिए। उनका कहना था कि अगर प्रशासन इस कार्य को नहीं कराता है, तो फिर हमें इसे करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने यह उदाहरण दिया कि इससे पहले कांवड़ यात्रा और महाकुंभ के दौरान प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई थी, तो ऐसे में ईद और अलविदा जुमा की नमाजियों के लिए यह कदम क्यों नहीं उठाया जा सकता। खां का कहना था कि मुसलमान दूर-दूर से ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए आते हैं, इसलिए यह उनकी धार्मिक भावनाओं के प्रति एक सम्मान होगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया : जांच के बाद लिया जाएगा निर्णय
जब इस मामले पर एसडीएम वंदना मिश्रा से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि सपा नेता फिरोज खां ने पुष्पवर्षा की मांग के साथ ज्ञापन सौंपा है। हालांकि, उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि पहले कभी नमाजियों के लिए हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराई गई हो। एसडीएम ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और उसके बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण
यह मामला राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से खासा संवेदनशील हो सकता है। जहां एक ओर सपा नेता का मानना है कि इस कदम से मुस्लिम समुदाय की भावनाओं का सम्मान होगा, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन को धार्मिक कार्यों में इस तरह की विशेष सुविधाएं प्रदान करने से समाज में असंतुलन और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। इस घटना के बाद से राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे एक रचनात्मक और सकारात्मक कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे एक विवादास्पद मुद्दा मानते हैं।