नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को झारखंड सरकार और उसकी बिजली वितरण कंपनी को रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान सुरक्षा कारणों से बिजली आपूर्ति काटने की अनुमति दी। अदालत ने झारखंड उच्च न्यायालय के उस आदेश को संशोधित किया था, जिसमें राज्य प्राधिकारियों को धार्मिक शोभा यात्राओं के दौरान बिजली काटने से रोका गया था। यह निर्णय राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलील पर लिया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि पिछले दो दशकों से शोभा यात्राओं के दौरान करंट लगने की घटनाओं से बचने के लिए बिजली आपूर्ति बंद की जाती रही है।
सुरक्षा कारणों से बिजली कटौती
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार एवं न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि रामनवमी जैसे धार्मिक अवसरों पर लोग लंबे झंडे लेकर शोभा यात्रा निकालते हैं। इससे बिजली के तारों से करंट लगने का खतरा रहता है। इस कारण बिजली आपूर्ति में कटौती करना जरूरी होता है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि बिजली कटौती न्यूनतम अवधि के लिए होनी चाहिए और केवल यात्रा मार्गों पर ही लागू होनी चाहिए।
अस्पतालों की बिजली आपूर्ति पर ध्यान देने का निर्देश
न्यायालय ने झारखंड सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि शोभा यात्रा के दौरान अस्पतालों की बिजली आपूर्ति बाधित न हो। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रमुख को यह हलफनामा दाखिल करना होगा कि बिजली केवल आवश्यक अवधि के लिए ही काटी जाएगी और अस्पतालों में आपातकालीन बिजली आपूर्ति जारी रहेगी।
रामनवमी पर बिजली कटौती का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह रामनवमी की शोभा यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें और बिजली आपूर्ति में कटौती से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर उचित समाधान प्रदान करें। रामनवमी का त्योहार 6 अप्रैल को मनाया जाएगा, और राज्य सरकार को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करने होंगे।