नई दिल्ली– दक्षिण-पश्चिम जिला साइबर पुलिस ने एक ठग माल्या दास (24) को गिरफ्तार किया है। आरोपी को पुलिस ने पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल में छापेमारी कर पकड़ा गै। वह वरिष्ठ नागरिकों से ई-केवाईसी अपडेट के बहाने साइबर ठगी करता था। चार साल से फरार इस धोखेबाज को तकनीकी निगरानी और धन के लेन-देन की जांच के आधार पर पकड़ा गया।
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 2021 में, शिकायतकर्ता एम. बजाज ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज की कि उनके दादाजी से 1,51,700 रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई। शिकायत के अनुसार, उनके दादाजी को एक एसएमएस मिला कि उनकी सिम 24 घंटे में बंद हो जाएगी और ई-केवाईसी अपडेट के लिए एक नंबर पर कॉल करने को कहा गया। कॉल के दौरान, एक लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करने से टीम व्यूवर ऐप इंस्टॉल हुआ, और ठगों ने उनके मोबाइल पर आने वाले ओटीपी तक पहुंच प्राप्त कर ली। इसके आधार पर, किशनगढ़ थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
अक्टूबर 2024 में मामला साइबर पुलिस, दक्षिण-पश्चिम को हस्तांतरित हुआ। एसीपी विजय कुमार की निगरानी और इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक के नेतृत्व में टीम ने धन के लेन-देन और तकनीकी विश्लेषण पर काम शुरू किया। जांच में पता चला कि 1 लाख रुपये रम्मी सर्किल में दो डमी खातों के जरिए पे-टीएम से निवेश किए गए। हारने के बाद, यह राशि माल्या दास के एचडीएफसी खाते में भेजी गई और एटीएम से निकाली गई। माल्या का पता पश्चिम मेदिनीपुर में मिला, लेकिन वह फरार था। नोटिस और गैर-जमानती वारंट के बाद, केशियारी, पश्चिम मेदिनीपुर में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह अपने साथी तूफान के साथ मिलकर ठगी करता था।
गेमिंग प्लेटफॉर्म को बनाया ठगी का जरियाआरोपियों ने बताया कि रम्मी सर्कल जैसे गेमिंग प्लेटफॉर्म पर डमी खातों के जरिए ठगीकी राशि निवेश करते और हारने के बाद इसे बैंक खाते में भेजकर एटीएम से निकाल लिया करते थे। ताकि ठगी के रुपयों का लेन-देन ट्रैक न हो। पता चला कि माल्या के खाते में 27 लाख रुपये आए, जिन्हें निकाला या उपयोग किया गया। आरोपी पहले भी कोलकाता में एक अन्य ठगी मामले में शामिल रहा है। पुलिस इसके सह-आरोपी तूफान की तलाश कर रही है।
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