Home » Jharkhand shaharnama : मेन रोड पर सुरंग

Jharkhand shaharnama : मेन रोड पर सुरंग

by Birendra Ojha
sharnama jharkhand
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now


मानगो पुल से गुजरने वाले अक्सर जाम की शिकायत करते रहते थे। कभी-कभार स्कूल या ऑफिस टाइम में अब भी जाम लग जाता है, लेकिन करीब एक सप्ताह से पुल के पास सड़क पर सुरंग को प्रकट हुए हो गया, लेकिन इसकी चर्चा तक नहीं हो रही है। साकची से मानगो पुल की ओर जाने वाली सड़क का एक हिस्सा टापू बना हुआ है। उससे भी खतरनाक बात यह है कि लोग पता नहीं कब से आठ-दस इंच मोटी अलकतरे की परत को सड़क समझ कर बेधड़क आवागमन कर रहे थे। अब जब पोकलेन उस सड़क की मरम्मत कर रही है, तो पता चल रहा है कि कुछ दूर तक हम 20-25 फीट खाई के ऊपर से गुजर रहे थे। एक सुरंग बनकर इस सड़क ने सैकड़ों लोगों की जान बचा ली, वरना कब-कौन इस मौत के कुएं में घुस जाता, पता ही नहीं चलता।

बरसात में ही निकले मेढक

आमतौर पर खास मौसम में नया रंग दिखाने वाले को बरसाती मेढक कहा जाता है, जो अपने यहां अमूमन चुनाव के समय देखे जाते हैं। इस बार तो दो पैर वाले ये मेढक सचमुच बरसात में ही टरटराने लगे। इन दिनों अपने सूबे में एक युवा तुर्क नेता अपनी पार्टी का विस्तार करने में लगे हैं। हालांकि, उनकी पार्टी अब भी उतनी लोकप्रिय नहीं हुई है कि लोग बेधड़क एक झटके में पूरा नाम बता दें, लेकिन लोग उसे शॉर्ट फॉर्म में समझ जरूर जाते हैं। इन दिनों वे राजनीति की उर्वरा धरती कोल्हान में मंडरा रहे हैं, तो कुछ पुराने दल वाले उसमें घुस भी रहे हैं। जब बात क्रेडिट पर आई तो पुराने दल वाले ने भी खरी-खोटी सुना दी। घुसने वाले से कहा कि हमने तो कब का निकाल दिया था। अब क्या जीवन भर नाम भुनाते रहोगे, कुछ शर्म भी करो।

बिजली रानी के नखरे

हम अंतरिक्ष पर दूसरी बार हो आए, लेकिन बिजली अब भी बैलगाड़ी पर ही चल रही है। गांव-देहात की तो पूछिए मत, शहर में भी लोग इसका रोना रोते रहते हैं। पहले तेज हवा चलती थी, तो बिजली रानी की धड‍़कन थम जाती थी, अब इसे पानी से भी डर लगने लगा है। इधर, देखा गया है कि जब तक फुहार पड़ रहती है, तब तक तो रानी हवा खिलाती रहती हैं, जैसे ही मोटी-मोटी बूंदों की आवाज आती है, गुम हो जाती हैं। ऐसा नहीं है कि बारिश बंद होने के बाद तुरंत आ जाएं, वह तो घंटों झेलाती हैं। बहुत दिनों बाद बरसात में नेता बिजली रानी का दरवाजा खटखटाने पहुंचे थे। झंडे-जुलूस वाले पर्व-त्योहार में बिजली रानी लंबी छुट्टी पर चली जाती हैं। उस समय किसी को शिकायत नहीं रहती है। बता दें कि रानी अब भी बांस पर टंगी दिख जाती हैं।

भाव खा रही तरकारी

सबके दिन फिरते हैं, यह तो आपने सुना ही होगा। वही हाल इन दिनों तरकारी या सब्जी का है। जिस नेनुआ-लौकी को हल्का माना जाता था, अब वह भी बाजार में अलग चमक रही है। अब सामान्य लोग उसकी औकात का अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं। ऐसे में सब्जी बाजार में जाते ही गरीब खुद को और गरीब समझ रहा है, तो अमीर भी अपने आपको मध्यमवर्ग का मानने लगा है। क्योंकि उसकी जो प्रिय सब्जियां थीं, वह दोगुनी-तिगुनी हो गई हैं। हालांकि, बरसात में ऐसा हर बार होता है। लेकिन, दुख ऐसी चीज है जो हर बार पहले से ज्यादा चुभती है। इन दिनों घर-घर में सब्जी के भाव चर्चा का विषय बन गए हैं। दो औरतें जुट जाएं, तो सब्जी के विकल्प बताने से नहीं चूकतीं। कहने की जरूरत नहीं कि इन दिनों काले चने की सेल बढ़ गई है।

Read Also- Jharkhand shaharnama : शहरनामा : हेलमेट-टोपी की रार

Related Articles

Leave a Comment