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शाॅर्ट स्कर्ट या खुले कपड़े नहीं, सिद्धिविनायक मंदिर ने भक्तों के लिए जारी की ड्रेस कोड

फटे या फटे हुए डेनिम कपड़े और शरीर को उजागर करने वाले परिधान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं से भारतीय सांस्कृतिक मानदंडों के अनुसार वस्त्र पहनने की अपील की गई है।

by Reeta Rai Sagar
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मुंबई : मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन ने मंगलवार को मंदिर में दर्शन के लिए ड्रेस कोड जारी किया है। मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगले हफ्ते से भक्तों को शॉर्ट स्कर्ट या रिविलिंग कपड़े पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

पारंपरिक वस्त्र बेहतर विकल्प

श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट (SSGTT) ने कहा कि भक्तों को उचित और शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहन कर मंदिर आने होंगे और इसके साथ ही भारतीय पारंपरिक वस्त्र पहनना बेहतर विकल्प होगा। अगले हफ्ते से, जो भक्त शॉर्ट स्कर्ट, फटी या कट लगी जीन्स या ऐसे कपड़े पहनकर आएंगे, जो शरीर के कुछ हिस्सों को उजागर करते हों, उन्हें मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।

भक्तों ने की थी शिकायत

ट्रस्ट ने कहा कि यह निर्णय भक्तों से मिली कई शिकायतों के बाद लिया गया है, जिनमें फूहड़ कपड़े पहनने से अन्य भक्तों को असुविधा हो रही थी। ट्रस्ट ने कहा कि ‘मंदिर में रोजाना हजारों भक्त आते हैं और कई श्रद्धालुओं ने ऐसे कपड़ों पर चिंता व्यक्त की है, जिन्हें वे पूजा स्थल पर असम्मानजनक मानते हैं’।
बार-बार किए गए अनुरोधों के बाद, मंदिर ट्रस्ट ने यह ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया, ताकि मंदिर की गरिमा बनी रहे।

ट्रस्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह ड्रेस कोड भक्तों की सुविधा और मंदिर परिसर में अनुशासन बनाए रखने के लिए लागू किया जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट ने भी एक सलाह जारी की है कि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करते समय किस प्रकार के वस्त्र पहनने चाहिए। फटे या फटे हुए डेनिम कपड़े और शरीर को उजागर करने वाले परिधान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। श्रद्धालुओं से भारतीय सांस्कृतिक मानदंडों के अनुसार वस्त्र पहनने की अपील की गई है।

यह पहली बार नहीं है जब मंदिर ने श्रद्धालुओं के वस्त्रों के बारे में कोई सलाह जारी की है। इससे पहले भी कुछ दशकों पहले ऐसा नियम जारी किया गया था।

माघ गणेश जयंती

यह निर्णय आने वाले माघ गणेश जयंती को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। माघ गणेश जयंती या माघ विनायक चतुर्थी, हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश का जन्मदिन होता है। 2025 में यह त्योहार 1 फरवरी को मनाया जाएगा। जिसकी तिथि 1 फरवरी को सुबह 1.08 बजे से शुरू होकर 2 फरवरी को सुबह 9.14 बजे तक रहेगा। यह त्योहार गणेश चतुर्थी के मुकाबले अधिक व्यक्तिगत रूप में मनाया जाता है, जबकि गणेश चतुर्थी का उत्सव आमतौर पर सामुदायिक रूप से मनाया जाता है।

त्योहार के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 30 जनवरी को गायक शंकर महादेवन और तबलावादक शिवमणि द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी। 1 फरवरी को गणेश जन्मदिवस पर कीर्तन कार्यक्रम होगा।
त्योहार 4 फरवरी को शोभायात्रा के साथ समाप्त होगा, जो मंदिर के आसपास के प्रमुख मंदिरों जैसे विट्ठल राखुमाई मंदिर, जाखादेवी मंदिर, हनुमान मंदिर से गुजरते हुए निकलेगी।

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