मुजफ्फरपुर: जिले में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने एक बड़ी तस्करी का पर्दाफाश किया है। डीआरआई ने ‘इंसानी बाल’ की एक बड़ी खेप को जब्त किया, जिसे चीन भेजे जाने की योजना थी। यह खेप नेपाल के रास्ते बिहार से होकर चीन तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही थी। इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
मधुबनी बॉर्डर से पकड़ी गई तस्करी की खेप
सूत्रों के मुताबिक गुप्त सूचना मिलने पर डीआरआई (Directorate of Revenue Intelligence) की टीम ने मधुबनी जिले के मधवापुर बॉर्डर पर नाकेबंदी की और एक ट्रक को पकड़ा। उस ट्रक में ‘इंसानी बाल’ छिपाकर ले जाया जा रहा था। ट्रक के तहखाने में 1680 किलो ‘इंसानी बाल’ पैक किए गए थे, जिनकी अनुमानित कीमत 80 लाख रुपये बताई जा रही है। तस्करी के इस प्रयास को नाकाम करते हुए, डीआरआई ने ट्रक को जब्त कर लिया और तस्करों को गिरफ्तार किया।
बंगाल व बिहार के हैं तस्कर, चल रही पूछताछ
इस तस्करी के मामले में मुर्शिदाबाद (बंगाल) के दो तस्कर, अताउर रहमान और अब्दुल अजीम शेख को गिरफ्तार किया गया है। उनके साथ बिहार का एक तस्कर भी गिरफ्तार किया गया है। डीआरआई के अधिकारियों के अनुसार ये तस्कर नेपाल बॉर्डर के रास्ते इंसानी बालों की तस्करी कर रहे थे। इस जब्ती में मिली जानकारी के अनुसार यह पहली बार है जब मुजफ्फरपुर डीआरआई ने इंसानी बालों की तस्करी का खुलासा किया है।
दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों से चुराए गए थे बाल
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में पता चला कि ये ‘इंसानी बाल’ दक्षिण भारत के कई तीर्थ स्थलों से चुराए गए थे। विशेष रूप से तिरुपति बालाजी मंदिर में होने वाले मुंडन से बड़ी संख्या में बाल एकत्र किए गए थे। इन बालों का इस्तेमाल चीन में विग बनाने के लिए किया जाता था, क्योंकि चीन में भारतीय बालों से बनी विग की भारी डिमांड है। इन बालों को उच्च गुणवत्ता के होने के कारण चीन में महंगे दामों पर बेचा जाता है, जिससे तस्करों को अच्छा लाभ होता है।
चीन के लिए बालों की तस्करी का बढ़ता व्यापार
चीन में भारतीय ‘इंसानी बाल’ से बनी विग की काफी मांग है, क्योंकि ये बाल चमकदार और असली दिखते हैं। साथ ही, ये बाल लंबे समय तक टिकाऊ होते हैं, जिससे इनकी कीमत भी अधिक होती है। तस्करों को इस व्यापार से मुनाफा मिलता है, और यही कारण है कि ये तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही है। चीन में भारतीय बालों की विग का प्रमुख उपयोग फैशन उद्योग में होता है, जहां इनका भारी बाजार है।
पिछले सालों में तस्करी के रूट में बदलाव
पहले तस्कर बंगाल से म्यांमार और बांग्लादेश के रास्ते बालों की तस्करी करते थे, लेकिन ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने म्यांमार और बांग्लादेश में तस्करी के रास्तों पर शिकंजा कसने के बाद, तस्करों ने नया रूट अपनाया है। अब वे इंडो-नेपाल बॉर्डर का इस्तेमाल कर इस तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। नेपाल बॉर्डर से होकर यह बालों की खेप चीन तक पहुंचाई जाती थी, ताकि तस्करी के रास्ते को सुरक्षित रखा जा सके।
2021 में हुई थी एक बड़ी तस्करी की कार्रवाई
इससे पहले, साल 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दक्षिण भारत के राज्यों से चीन के लिए ‘इंसानी बाल’ की तस्करी का बड़ा खुलासा किया था। उस समय आंध्र प्रदेश के कुछ निर्यातकों के यहां छापेमारी की गई थी, जिसमें 2.90 करोड़ रुपये, कई मोबाइल और कंप्यूटर जब्त किए गए थे। इस कार्रवाई के बाद तस्करों के नए रास्तों की पहचान हुई थी और अब वे नेपाल से बालों की तस्करी कर रहे हैं।
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