सियोल : दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने राष्ट्रपति यून सुक येओल को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है, जो इस समय महाभियोग का सामना कर रहे हैं। शुक्रवार को सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाया, जिससे देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ आ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यून सुक येओल को ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के अपने आदेश के कारण जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। उन पर विद्रोह भड़काने का आरोप है, जो गंभीर कानूनी विवादों को जन्म दे सकता है। यदि वह दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है।
महाभियोग और संवैधानिक अदालत का फैसला
यून पर दिसंबर में महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके बाद मामला संवैधानिक न्यायालय में भेज दिया गया। अब यह न्यायालय यह तय करेगा कि राष्ट्रपति पद को औपचारिक रूप से समाप्त किया जाए या उसे बहाल किया जाए।
अगर संवैधानिक न्यायालय महाभियोग को बरकरार रखता है, तो राष्ट्रपति यून को पद से हटा दिया जाएगा और अगले दो महीने में नए राष्ट्रपति के लिए राष्ट्रीय चुनाव आयोजित किए जाएंगे।
दक्षिण कोरिया के लिए यह घटनाक्रम राजनीतिक अस्थिरता का संकेत दे रहा है, और इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या देश के नेतृत्व में बदलाव आएगा या नहीं।