रांची : जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में पीजी डाक्टर कमलेश उरांव के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के डॉक्टर राज्य भर में शुक्रवार की सुबह 6 बजे हड़ताल पर चले गए। करीब 5 घंटे कार्य बहिष्कार करने के बाद सभी डॉक्टर सुबह 11 बजे काम पर लौटे।
आईएमए ने बताया कि जो मारपीट के आरोपी थे उनमें से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसके बाद सभी ने हड़ताल स्थगित कर दी। प्रदेश सचिव डा प्रदीप सिंह ने बताया कि सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग जारी रहेगी ताकि डॉक्टर सुरक्षित माहौल में काम कर सके।
इससे पहले आइएमए और झासा ने संयुक्त रूप से राज्य के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह और रिम्स निदेशक डा. आरके गुप्ता को पत्र लिख कर कार्य बहिष्कार की सूचना दी थी। आइएमए के समर्थन में झासा के साथ एएचपीआइ, फोरडा, रिम्स जेडीए, ट्राइबल डाक्टर एसोसिएशन सहित करीब 10 हजार से अधिक डाक्टर हैं।
इस हड़ताल में सीनियर डाक्टर सहित जूनियर डाक्टर शामिल रहें। जिसमें रिम्स सहित सभी मेडिकल कालेज, सदर अस्पताल, ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल और निजी अस्पताल व क्लिनिक शामिल थे। अस्पताल में सिर्फ इमरजेंसी सेवा बहाल रही।
प्रदेश आइएमए सचिव डा. प्रदीप सिंह ने बताया कि आइएमए कभी भी मरीजों के विरोध में काम नहीं करता है, उनका अहित नहीं चाहता है लेकिन जब तक डाक्टरों को सरकार सुरक्षा नहीं देती है तब तक इस तरह का आंदोलन चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किया जा सका है, जबकि लगातार डाक्टरों के साथ मारपीट की घटनाएं घट रही है। दूसरी ओर एमजीएम में जो घटना एक डाक्टर के साथ घटी है उसे मारने वाले आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। जिससे डाक्टरों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।
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जेडीए ने कहा हड़ताल सफल रहा :
इधर, रिम्स जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. जयदीप कुमार ने बताया कि हड़ताल सफल रहा। सुबह ओपीडी में सीनियर डॉक्टर ड्यूटी कर रहे थे जिन्हें जबरन बंद कराया गया और ओपीडी काउंटर भी बंद कराया गया। उन्होंने कहा कि इस बीच मरीजों को परेशानी जरूर हुई, लेकिन लगातार डॉक्टर पर हो रहे हमले को लेकर यह कदम मजबूरी में उठाना पड़ा। हालांकि हड़ताल टूटने के बाद काउंटर खोला गया जहां मरीजों की लंबी कतार देखने को मिली, जिसके बाद मरीज का इलाज शुरू हुआ।