Jamshedpur (Jharkhand) : जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (XLRI) के “CXO सीरीज” के अंतर्गत गुरुवार को आयोजित एक प्रेरणास्पद व्याख्यान सत्र में नेस्ले इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुरेश नारायणन ने नेतृत्व के गहरे मायनों को छात्रों से साझा किया। “संकट चरित्र नहीं बनाता, वह उसे उजागर करता है,” — उनके यह शब्द पूरे सत्र की आत्मा बन गए।
बिना जूते मंच पर चढ़े सीएमडी
कार्यक्रम की शुरुआत एक भावनात्मक क्षण से हुई जब दीप प्रज्वलन से पहले श्री नारायणन मंच पर चढ़ने से पहले अपने जूते उतार कर श्रद्धा और विनम्रता का उदाहरण प्रस्तुत करते दिखे। इस सहज परंतु गहरे अर्थ वाले व्यवहार ने उपस्थित सभी लोगों को प्रभावित किया।
मैगी संकट की कहानी ने छू लिए दिल
2015 के मैगी संकट का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार नेस्ले इंडिया ने संयम, पारदर्शिता और दूरदृष्टि के साथ उस दौर को पार किया। उन्होंने स्वीकारा कि भारतीय युवाओं के साथ मैगी का भावनात्मक रिश्ता होने के कारण यह संकट केवल एक उत्पाद का नहीं, बल्कि एक विश्वास का था।
छात्रों को दिए नेतृत्व के 6 अमूल्य सिद्धांत
उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर नेतृत्व के छह मूल मंत्र बताए, जो हर युवा प्रोफेशनल के लिए मार्गदर्शक साबित हो सकते हैं :
स्पष्टता रखें, भ्रम नहीं : संकट के मूल कारणों की पहचान सबसे पहले करें।
सही मूल्यांकन करें : स्थिति की गंभीरता को समझे बिना निर्णय न लें।
रणनीति तय करें : योजना बनाएं और हर कदम की निगरानी रखें।
तथ्यों पर आधारित निर्णय लें : अफवाहों से नहीं, सच्चाई से काम लें।
जवाबदेही तय करें : हर टीम सदस्य की भूमिका स्पष्ट हो।
भावनाओं नहीं, तर्क से नेतृत्व करें : भावनाओं में बहने की बजाय तथ्यात्मक निर्णय लें।
जीवन मूल्यों की पाठशाला : XLRI
संस्थान के प्रबंधन ने श्री नारायणन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सत्र सिर्फ एक कॉर्पोरेट व्याख्यान नहीं था, बल्कि मूल्य आधारित नेतृत्व की एक जीवंत पाठशाला बन गया। उन्होंने कहा कि XLRI का उद्देश्य ऐसे लीडर तैयार करना है जो सत्य, संवेदना और उद्देश्य के साथ नेतृत्व करें।
कॉर्पोरेट नेतृत्व का एक आदर्श उदाहरण
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन सुरेश नारायणन ने न केवल कॉर्पोरेट अनुभव साझा किया, बल्कि मानवीय मूल्यों और नैतिक नेतृत्व की मिसाल भी पेश की। उनकी बातें हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं, जो संकट के समय में नेतृत्व की भूमिका निभाना चाहता है।