धनबाद : गारबेज फ्री सिटी, डोर टू डोर कचरे के निस्तारण के लिए सालिड वेस्ट प्लांट और सीवरेज-ड्रेनेज के न होने का नुकसान इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण में भी धनबाद (swachh sarvekshan dhanbad) नगर निगम को उठाना पड़ा। धनबाद राष्ट्रीय रैंकिंग में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तीन पायदान लुढ़क गया। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में तीन पायदान लुढ़क राज्य में पहले से चौथे स्थान पर धनबाद नगर निगम पहुंच गया। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 में धनबाद की स्टेट रैंक पहली थी।
इस बार दस लाख की जगह एक लाख से अधिक की जनसंख्या वाले नगर निकायों की रैंकिंग में धनबाद को 215वीं रैंक मिली। देशभर से 446 यूएलबी में धनबाद को यह स्थान मिला। धनबाद को कुल 9500 में से 4060 अंक मिला है। जमशेदपुर 7042 अंकों के साथ राज्य में पहले स्थान पर है। धनबाद नगर निगम को जल स्रोतों की सफाई में 100 प्रतिशत अंक, जबकि डंपसाइट के निवारण यानी कचरा निस्तारण में शून्य अंक मिला। डोर टू डोर कलेक्शन में धनबाद नगर निगम को 97 प्रतिशत अंक मिला है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का परिणाम जारी किया।
swachh sarvekshan dhanbad
दिल्ली के भारत मंडपम कंवेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। धनबाद नगर निगम की ओर से सिटी मैनेजर रणधीर वर्मा कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस बार कुल 9500 अंक का सर्वेक्षण हुआ है। इसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर 4830, सर्टिफिकेशन पर 2500 और पब्लिक फीडबैक यानी सिटीजन वायस पर 2170 अंक मिले। इस बार सर्वे की थीम वेस्ट टू वेल्थ रखी गई थी।
शहरों का आंकलन 46 पैरामीटर पर किया गया। यहां बता दें कि राज्य में एक लाख से अधिक आबादी वाले दस नगर निकाय हैं। धनबाद नगर निगम की जनसंख्या इस समय 11 लाख 62 हजार 472 है। निगम में 55 वार्ड हैं।
धनबाद नगर निगम को किस श्रेणी में कितना प्रतिशत
– डोर टू डोर कचरा कलेक्शन : 97
– कचरा स्रोत पृथक्करण : 59
– अपशिष्ट उत्पादन और प्रसंस्करण : 50
– डंपसाइट निवारण यानी कचरा निस्तारण : शून्य
– आवासीय परिसर में सफाई : 98
– बाजार या कामर्शियल क्षेत्र में सफाई : 98
– जल स्रोतों की सफाई : 100
– सार्वजनिक शौचालयों की सफाई : 81
राज्य के एक लाख से अधिक आबादी वाले नगर निकायों की रैंकिंग
-जमेशदपुर : 43
– रांची : 154
– मानगो : 156
– धनबाद : 215
– चास : 243
– रामगढ़ नगर परिषद : 250
– आदित्यपुर : 261
– हजारीबाग : 288
– देवघर : 332
– गिरिडीह : 345
स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग के पैरामीटर पर मिला अतिरिक्त वेटेज
स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ और गंदगी मुक्त शहरों को रैंकिंग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट तक शामिल है। इस बार मैनहोल को मशीन होल में बदलने पर जोर देते हुए सफाई मित्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी। इसके लिए दोगुने अंक बढ़ाए गए थे।
वेस्ट टू वंडर पार्क का नया पैरामीटर भी जोड़ा गया था। जिन शहरों ने इस पैरामीटर को पूरा किया, उसे दो प्रतिशत का अतिरिक्त वेटेज मिला। शहरों से निकले कूड़े का तकनीक की मदद से कितना और क्या उपयोग किया जा रहा है, इस पर 40 प्रतिशत तक वेटेज दिया गया। इसके साथ ही रेड स्पाट (कामर्शियल-रेसिडेंशियल इलाकों में थूकना) को भी एक नए पैरामीटर के रूप में जोड़ा गया था।
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