Home » Teachers Transfer : शिक्षकों को रेशनलाइजेशन से नहीं, उपयोगिता को देखते हुए करें स्थानांतरित

Teachers Transfer : शिक्षकों को रेशनलाइजेशन से नहीं, उपयोगिता को देखते हुए करें स्थानांतरित

नियमावली के अनुसार +2 विद्यालय के शिक्षकों के लिए प्रधानाचार्य पद के लिए 8 वर्ष का अनुभव पर्याप्त है, जबकि माध्यमिक शिक्षकों के लिए 15 वर्ष का अनुभव अनिवार्य किया गया है।

by Anurag Ranjan
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर : शिक्षकों ने राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को पत्र लिखा है, जिसमें उनसे मांग की गई है कि शिक्षकों का स्थानांतरण रेशनलाइजेशन से नहीं, विषयवार उपयोगिता को देखते हुए किया जाए।

आवेदन में कहा गया है कि झारखंड सरकारी माध्यमिक आचार्य, प्रधानाचार्य व शिक्षकेत्तर कर्मियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली-2025 में अनेक विसंगतियां हैं, जो माध्यमिक शिक्षकों के हितों के प्रतिकूल हैं तथा वर्तमान सेवा शर्तों में असंतुलन उत्पन्न करती हैं। हम शिक्षकों की ओर से अपेक्षा करते हैं कि नियमावली निर्माण से पूर्व किसी भी प्रकार का व्यापक परामर्श, शिक्षक संगठनों से संवाद या धरातलीय अध्ययन नहीं किया गया। इससे शिक्षकों में व्यापक असंतोष है।

नियमावली के अनुसार +2 विद्यालय के शिक्षकों के लिए प्रधानाचार्य पद के लिए 8 वर्ष का अनुभव पर्याप्त है, जबकि माध्यमिक शिक्षकों के लिए 15 वर्ष का अनुभव अनिवार्य किया गया है। यह प्रावधान स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण है, जो लंबे समय से कार्यरत माध्यमिक शिक्षकों के अधिकारों की अनदेखी करता है।

प्रधानाचार्य पद के लिए सीधी नियुक्ति में आयु न्यूनतम आयु 30 वर्ष तथा अधिकतम आयु 45 वर्ष निर्धारित की गई है। माध्यमिक शिक्षकों में ऐसे शिक्षक जो 15 वर्षों की सेवा पूरी कर चुके हैं और इस आयु सीमा से बाहर हो चुके हैं। इससे योग्य शिक्षक इस अवसर से वंचित हो रहे हैं तथा जिनका 15 वर्षो का कार्य अनुभव होगा, निर्धारित अधिकतम आयु सीमा पार कर जाने के कारण इस प्रक्रिया से बंचित रह जायेंगे।

पूर्व में निदेशालय के ज्ञापक संख्या 13/+2 वि 03-23/2029-415 के अंतर्गत प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त करने के लिए 5 वर्ष का अनुभव मान्य था। वर्तमान नियमावली में 15 वर्ष की सेवा शर्त न्यायसंगत नहीं है, विशेषतः जब कई शिक्षक वर्षों से प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहे हैं और विद्यालय का सफल संचालन कर रहे हैं।

प्रमुख मांगें

  1. प्रधानाध्यापक पद के लिए अनुभव की न्यूनतम अवधि 5 वर्ष निर्धारित की जाए।
  2. प्रधानाध्यापक पद को केवल प्रोन्नति के आधार पर नहीं, बल्कि शत-प्रतिशत सीटों को टीजीटी एवं पीजीटी शिक्षकों से भरा जाए, जो न्यूनतम पांच वर्षों से कार्यरत है और यह नियुक्ति विभागीय स्तर से सीधी भर्ती के माध्यम से हो। इससे योग्य, अनुभवी एवं समर्पित शिक्षक नेतृत्वकारी पदों पर आ सकेंगे, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित होगा।
  3. वर्तमान नियमावली को तत्काल निरस्त कर, एक न्यायसंगत, समावेशी एवं परामर्श आधारित नई नियमावली का निर्माण किया जाए।
  4. नियमावली निर्माण के लिए एक समिति गठित की जाए, जिसमें शिक्षक प्रतिनिधियों की भी सहभागिता सुनिश्चित हो।

अन्य महत्वपूर्ण समस्या

  1. अंतरजिला स्थानांतरण प्रक्रिया में विलंब

23 मार्च 2023 के पत्रांक 961 के अंतर्गत अंतरजिला स्थानांतरण की प्रक्रिया आरंभ की गई थी, परंतु आज तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। कृपया यह प्रक्रिया अविलंब प्रारंभ करने की कृपा करें, जिससे वर्षों से जोन 4 एवं 5 में कार्यरत शिक्षकों को राहत मिल सके और शिक्षण व्यवस्था में संतुलन बना रहे। प्रतिनियोजित शिक्षकों का प्रतिनियोजन तत्काल रद्द कर मूल विद्यालय में पुन: पदास्थापित करने की कृपा करें।

  1. MACP का लाभ
    अन्य राज्यकर्मियों की भांति शिक्षकों को भी MACP योजना का लाभ प्रदान किया जाए, जिससे उनकी सेवा को सम्मान और प्रोत्साहन प्राप्त हो।

Read Also: NEET UG 2025 Result : नीट यूजी में राजस्थान के महेश नेशनल व गिरिडीह के हिमांशु बने झारखंड टॉपर, कटऑफ अंक गिरा, देखें क्या है क्वालिफाइंग मार्क्स

Related Articles