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बिहार की भूमि ज्ञान की भूमि है, यहां देवताओं को ज्ञान मिला, यहां के लोग चाह ले तो फिर से देश चलायेंगे : प्रशात किशोर

by Rakesh Pandey
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समस्तीपुर:  बिहार के लोग बेवकूफ नहीं हैं, उनकी समझ पर थोड़ी धूल पड़ गयी है, लेकिन वे बेवकूफ नहीं हैं। ये कहना है जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को और कुछ समझ हो या नहीं, लेकिन राजनीतिक समझ बहुत अच्छी है।

सूबे के किसी गांव में चार-पांच बच्चों या नवयुवकों को बैठा दीजिए, उन्हें बिजनेस आये या न आये, उसके पास पैसा-पढ़ाई हो या नहीं, लेकिन उनके पास राजनीतिक समझ बहुत अच्छी है।

बिहार में हम 30 से 40 सालों से बुरे दौर से गुजर रहे हैं। लेकिन, ये भूमि ज्ञान की भूमि है, जहां देवताओं को ज्ञान मिला। देशभर में शासन-व्यवस्था बिहार से चली है। जब लोग यहां जगेंगे, जब लोग यहां खड़े होंगे, तो उनमें ये ताकत है कि ये विकल्प भी बनायेंगे और समाज को भी चलायेंगे।

ताकत समाज के पास है, जनता बनाती है विकल्प: प्रशांत किशोर

विभूतिपुर में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि समाज को विकल्प बनाने दीजिए। जब बिहार की जनता जगेगी, जनता जब सजग होगी और विकल्प की जरूरत होगी, तब विकल्प बनाया जायेगा। ताकत समाज के पास है, लोगों के पास है, लोग नेता चुनते हैं, लोग विकल्प बनाते हैं। विकल्प से लोग नहीं बनते, बिहार में विकल्प नहीं है, तो प्रयास हो रहा है। लोगों को आगे आने दीजिए।

विभूतिपुर प्रखंड के नरहन में शुक्रवार को प्रशांत किशोर ने यूथ क्लब के सदस्यों के साथ बातचीत (जनसंवाद) की। बता दें कि विभूतिपुर प्रखंड में कुल 29 पंचायतें हैं, जिसमें जन सुराज के 169 क्लब खोले गये हैं। प्रशांत किशोर 245 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। इस दौरान ग्रामीण जनता को वोट की ताकत के बारे में बता रहे हैं। अबतक वे बिहार में 2500 किलोमीटर तक पदयात्रा कर गांव-गांव घूम चुके हैं।

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