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विश्व में अहिंसा के संदेश को प्रसारित कर रही है ऋजुबालिका की पवित्र भूमि

by Rakesh Pandey
विश्व में अहिंसा के संदेश को प्रसारित कर रही है ऋजुबालिका की पवित्र भूमि
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गिरिडीह : बराकर तट स्थित ऋजुबालिका तीर्थ की यह पवित्र भूमि भगवान महावीर के संदेश को विश्व भर में प्रचारित प्रसारित की है। महावीर ने इसी स्थल केवल ज्ञान प्राप्त किया था। जबकि भारत के विकास, आध्यात्मिक समेत हर क्षेत्र में जैनियों की सिंह जैसी बड़ी सहभागिता (लायन कंट्रिव्यूशन) रही है। अहिंसा परमो धर्मः तथा जीओ और जीने दो का संदेश देने वाले महान तीर्थंकर महावीर की इस जमीन पर पहले भी आ चुके हैं। इस स्थल पर बिताए गए कुछ क्षण का अनुभव अद्वितीय होता है।

धार्मिक व आध्यात्मिक महत्ता के साथ-साथ यहां की प्राकृतिक छटा व मनोरम वादियां मन को शांति देती है। उक्त बातें झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने कही। वे सोमवार को प्रकृति के तट पर सजे आस्था के दरबार बराकर ऋजुबालिका में चल रहे पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव सह दीक्षा महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंंने यहां मकराना संगमरमर से बने भगवान महावीर के भव्य व दिव्य प्रतिमा व मंदिर के दर्शन किया।

विश्व में अहिंसा के संदेश को प्रसारित कर रही है ऋजुबालिका की पवित्र भूमि

राज्यपाल ने आगे कहा कि जैन धर्म एक पुराना धर्म है। जैन धर्मावलंबी लोकोन्नति कार्य में लगे रहते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के साथ साथ सामाजिक कार्यों मे भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। देश के विकास में उनका बड़ा योगदान है। अपने गृह क्षेत्र का जिक्र करते हुए महामहिम ने कहा कि उनका गृह राज्य तमिलनाडु है और तमिलनाडु में कभी कुल जनसंख्या का 75 प्रतिशत आबादी जैन थे। पर अब वर्तमान में 45 हजार परिवार जैन दर्शन का पालन कर रहे है। वहां भी कई भव्य मंदिर हैं। बराकर व आसपास के क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह स्थल कुछ डिस्टर्ब था पर अब प्रगति कर रहा है। मालूम हो ऋजुबालिका तीर्थ में आचार्य मुक्तिप्रभ सूरीश्वर जी महाराज के सान्निध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसी कार्यक्रम में भाग लेने राज्यपाल पहुंचे थे।

इस क्रम में उन्होंने नवनिर्मित मंदिर का दर्शन किया। कार्यक्रम में उपस्थित आचार्य श्री समेत अन्य संतों का आशीर्वाद उन्होंने लिया। यहां देश-विदेश के विभिन्न स्थलों से आए श्रावकों को संबोधित किया। रांची वापस जाते समय वे हाथ जोड़ते सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुए निकले।
महामहिम सुबह 09:50 मिनट में कार्यक्रम स्थल पहुंचे।
09 :55 गार्ड आफ आनर दिया गया।
10 : 15 से मंचीय कार्यक्रम शुरू हुआ।
11 : 00 बजे राज्यपाल का संबोधन शुरू हुआ।
11 :20 आहार के लिए भोजनालय गए।
11:45 राज्यपाल का काफिला रांची के लिए प्रस्थान कर गया।

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