हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली : देश में डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। यह ठीक होने वाली बीमारी नहीं है। डायबिटीज एक बार हो जाए तो जीवन भर दवा खानी पड़ती है। लेकिन हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं जिसका सेवन करने से आपका डायबिटीज हमेशा कंट्रोल में रहेगी और दवाइयां छूट जाएगी। जी हां, यह थोड़ा कीमती जरूर है लेकिन आपकी समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।
भारत में डायबिटीज के कितने मरीज
भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में करीब दस करोड़ डायबिटीज के मरीज है, जिन्हें दवा खानी पड़ती है। देश में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज गोवा में हैं। यहां पर लगभग 26.4 प्रतिशत लोग इस बीमारी के चपेट में हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर पुदुचेरी आता है। यहां पर लगभग 26.3 प्रतिशत लोग डायबिटीज के शिकार हैं। वहीं, केरला में 25.5 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी है।
क्या है डायबिटीज?
झारखंड के जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रोफेसर डॉ. बलराम झा कहते हैं कि डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है। इसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उसे इसका ठीक से उपयोग करने में दिक्कत होती है। नतीजतन शरीर में इंसुलिन की कमी से शुगर का स्तर बढ़ने लगता है जो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है।
इस जानवर का दूध अमृत समान
आजकल लोग ऊंटनी का दूध ढूंढ रहे हैं। चूंकि, चिकित्सक भी इसे पीने की सलाह देते हैं लेकिन इसका दूध मिल पाना काफी मुश्किल जैसा है। ऊंटनी का दूध न सिर्फ डायबिटीज के लिए अमृत समान है बल्कि यह एनीमिया, ऑटिज्म व गठिया में भी काफी लाभदायक माना जाता है।
किस तरह से करता फायदा?
– डायबिटीज: ऊंटनी के दूध में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की ताकत होती है। अगर आप रोजाना ऊंटनी का दूध पीएं तो फास्टिंग शुगर लेवल कम हो सकता है। नाश्ते में इसे लें तो दिनभर शुगर मेंटेन रहती है। कोलेस्ट्रॉल और यहां तक कि आपके चेहरे से बुढ़ापा दूर करने के लिए भी यह दूध बहुत अच्छा माना गया है। इसलिए इसे अमृत के समान माना गया है।
– ऑटिज्म: इस बीमारी के शुरूआत में ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है। ऊंटनी के दूध में विटामिन के रूप में बड़ी संख्या में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जिनमें ए, सी और ई के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण खनिज भी होते हैं जो ऑक्सीडेटिव तनाव दर को कम करने में मदद करते हैं। ऐसे में इस बीमारी में ऊंटनी का दूध फायदेमंद माना जाता है।
एनीमिया मिटाने में मददगार : कहा जाता है कि एनीमिया के रोगी अगर एक सप्ताह तक ऊंटनी का दूध पी लें तो एनीमिया की समस्या दूर हो जाती है। चूंकि, ऊंटनी के दूध में गाय के दूध की तुलना में 10 गुना अधिक आयरन तत्व होता है। चूंकि, आयरन लाल रक्त कोशिकाओं का एक महत्वपूर्ण घटक है।
गठिया : ऊंटनी का दूध गठिया मरीजों के लिए भी काफी लाभदायक होता है। इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है जो गठिया की बीमारी में फायदेमंद है। ये हड्डियों में खनिज तत्व बढ़ाता है और हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है। इसलिए हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए आप ऊंटनी का दूध पी सकते हैं।
डायबिटीज की बीमारी कैसे होती है?
डॉ. बलराम झा कहते हैं कि अक्सर लोग यही सोचते हैं कि डायबिटीज की बीमारी उन्हें कैसे हो गई। अभी कुछ दिन पूर्व तक तो ठीक ही था। अचानक से यह बीमारी कैसे हो गई? डॉ. बलराम झा कहते हैं कि जब शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इंसुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा हो जाती है। जिसके कारण लोग डायबिटीज का शिकार हो जाते है।
डायबिटीज के लक्षण
– अचानक वजन कम होना
– अत्यधिक भूख लगना
– हाथों या पैरों में झुनझुनी
– थकावट व कमजोर होना।
– शुष्क त्वचा
– घावों का धीरे-धीरे भरना
– अत्यधिक प्यास लगना