देहरादून : इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता को लागू कर सकती है।उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस संबंध में घोषणा कर सकते हैं। समान नागरिक संहिता को धरातल पर उतारने के लिए इससे जुड़े कई नियमों का परीक्षण किया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग कैटेगरी में पंजीकरण शुल्क का निर्धारण भी किया जा रहा है।
सरकारी कर्मियों को किया जा रहा प्रशिक्षित
समान नागरिक संहिता की परिकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए उत्तराखंड सरकार की तैयारियां जारी हैं। अब यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता को लागू करने की घोषणा कर सकते हैं। इसके लिए अलग-अलग स्तरों पर तैयारियां चल रही हैं। इसमें अलग-अलग विभागों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिए जाने से लेकर पंजीकरण शुल्क निर्धारित करना भी शामिल है। प्रशिक्षित किए जा रहे कर्मियों में ब्लॉक स्तर के कर्मचारी भी शामिल हैं।
पंजीकरण शुल्क पर हो रहा विचार-विमर्श
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के साथ ही इसके लिए अलग-अलग कैटगरी में पंजीकरण शुल्क के निर्धारण को लेकर सरकार विचार-विमर्श कर रही है। इसके लिए एक अलग समिति का गठन किया गया था। पहले विवाह और वसीयत से संबंधित मामलों के लिए पंजीकरण शुल्क को न्यूनतम 1,000 से लेकर अधिकतम 5,000 तक निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया गया था। सरकार द्वारा इसे अधिकतम शुल्क माना गया है। न्यूनतम 100 रुपये से लेकर अधिकतम 500 रूपये तक का पंजीकरण शुल्क निर्धारित किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है। आरंभ में लोगों को समान नागरिक संहिता कानून के प्रति जागरूक करने के लिए इसके पंजीकरण को निशुल्क भी रखा जा सकता है।
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