बिजनेस डेस्क : नोटबंदी के बाद से UPI Payments का चलन काफी बढ़ गया है। यूपीआई पेमेंट (UPI Payments Rule) के आने से रोजमर्रा के सामान खरीदने और बिल पेमेंट करने में काफी आसानी हो गई है। लेकिन, अब भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने UPI ID तो बनाई है, लेकिन कभी यूपीआई पेमेंट नहीं किया। अब 1 जनवरी से नए नियम लागू होने वाले हैं। नए नियमों के तहत जिन लोगों ने पिछले एक साल से कोई भी यूपीआई ट्रांजैक्शन नहीं किया है, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऐसी यूपीआई आईडी को ब्लॉक कर देगा। यदि आपकी UPI आईडी से कोई क्रेडिट या डेबिट नहीं किया गया है तो आईडी बंद कर दी जाएगी।
नए साल से ग्राहक इन आईडी से लेनदेन नहीं कर पाएंगे। एनपीसीआई ने बैंकों और थर्ड पार्टी ऐप्स को इन यूपीआई आईडी की पहचान करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। आपके संबंधित बैंक आपकी UPI आईडी को निष्क्रिय करने से पहले आपको ईमेल या मैसेज भेजेंगे।
एक साल से नहीं हुआ UPI में लेनदेन, तो ब्लॉक हो जाएगा आईडी
NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के दिशा निर्देशों के बाद अब सभी बैंक और Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स उन यूपीआई आईडी को इनएक्टिव कर देंगे, जिनमें पिछले 1 साल से कोई भी लेनदेन नहीं हुआ है। (UPI Payments Rule)आपकी यूपीआई आईडी इनएक्टिव या कह लीजिए ब्लॉक करने से पहले आपको रजिस्टर ईमेल आईडी या फिर आपके मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए आपको सूचित किया जाएगा। मैसेज के जरिए बताया जा रहा है कि आखिर किस तारीख से आपकी यूपीआई आईडी को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
UPI Payments Rule: किसलिए उठाया गया यह कदम?
निगम ने यह कदम इसलिए उठाया है, जिससे अनजाने में भुगतान से बचा जा सके। इसके साथ ही ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके। कई ग्राहक बैंक में अपना नंबर बिना बदलवाए अपना मोबाइल का नंबर बदल लेते हैं। इसके कारण उनके खाते से भी जालसाज पैसे उड़ा देते हैं। (UPI Payments Rule) गौरतलब है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के नियम के अनुसार, दूरसंचार कंपनियों के पास 90 दिनों की अवधि के बाद नए उपयोगकर्ताओं को निष्क्रिय मोबाइल नंबर आवंटित करने का अधिकार है। ऐसे में अगर बैंक से नंबर जुड़ा रहा, तो नया नंबर लेने वाला व्यक्ति पैसा हस्तांतरित कर सकता है।
एनपीसीआई को उम्मीद है कि इन नए नियमों से गलत व्यक्ति के खाते में पैसा ट्रांसफर होने से रोका जा सकेगा। हाल के वर्षों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं। लोग अक्सर नए फोन से जुड़ी यूपीआई आईडी को निष्क्रिय करने के बारे में याद किए बिना मोबाइल नंबर बदल लेते हैं। किसी अन्य व्यक्ति को नंबर तक पहुंच प्राप्त हो जाता है, क्योंकि यह कुछ दिनों से बंद है। (UPI Payments Rule) हालांकि, केवल पिछली UPI आईडी ही इस नंबर से जुड़ी रहती है। ऐसे में गलत लेनदेन की संभावना काफी बढ़ जाती है। नए नियम के बाद अब नए साल से इस खतरे का भय भी कम हो जाएगा।