लखनऊ : प्रयागराज में यूपीपीएससी (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) की परीक्षाओं को लेकर छात्रों का विरोध लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। छात्र अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं और आयोग के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन छात्रों का मुख्य विरोध पीसीएस प्रीलिम्स और आरओ-एआरओ परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के आयोग के निर्णय से है।
प्रदर्शनकारियों का पुलिस से टकराव
प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज आयोग तक पहुंचाने के लिए कदम बढ़ाए और आयोग के मुख्यालय की ओर रुख किया। यहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्र बैरिकेड तोड़ते हुए आयोग के कार्यालय में घुसने की कोशिश करने लगे। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच तीव्र टकराव हुआ, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
चौथे दिन सुबह से ही छात्र आयोग के बाहर नारेबाजी कर रहे थे और पहले से ही डटे हुए थे। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने रातभर सड़क पर रहकर अपनी मांगें रखीं। सोमवार को शुरू हुए इस आंदोलन में कई छात्रों ने अपनी रात सड़कों पर बिताई। जब पुलिस ने कुछ छात्रों को हटाने की कोशिश की तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सिविल ड्रेस में आकर छात्रों को जबरन खींचते हुए ले जाने की कोशिश की।
पुलिस का कड़ा रुख : असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की चेतावनी
प्रयागराज के डीसीपी सिटी ज़ोन, अभिषेक भारती ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच कुछ असामाजिक तत्वों की मौजूदगी की बात की। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी लोग छात्रों को भड़काने का काम कर रहे हैं, जिनकी वजह से अराजकता फैलने की संभावना है। पुलिस ने स्पष्ट चेतावनी दी कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी अपील की कि छात्रों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहिए, ताकि शांति बनी रहे और कोई अप्रिय घटना न घटे।
‘भारत माता की जय’ के नारों से गूंजा धरनास्थल
प्रदर्शनकारियों ने धरनास्थल पर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए, जिससे पूरे माहौल में गर्माहट आ गई। प्रशासन की सख्ती के बावजूद छात्र अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए थे और बैरिकेड्स तोड़ने के प्रयास में जुटे थे। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोचिंग संस्थानों के होर्डिंग्स को फाड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने 10 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
आयोग के फैसले पर छात्रों की आपत्ति : एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 की परीक्षा दो दिन में दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है, लेकिन छात्रों का कहना है कि यह निर्णय उनके हित में नहीं है। उनका कहना है कि दो दिन परीक्षा कराने से नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में उनके अंक घट सकते हैं, जिससे उनका नुकसान होगा। छात्र चाहते हैं कि इन परीक्षाओं को पहले की तरह एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए, ताकि उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन हो सके।
राजनीतिक प्रतिक्रिया : बीजेपी और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया
यूपीपीएससी छात्रों के प्रदर्शन पर रूलिंग पार्टी और विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आईं। बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने छात्रों के प्रदर्शन को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग छात्रों को उकसाकर उन्हें राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बना रहे हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि छात्र विरोधी भाजपा सरकार ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार छात्रों की आवाज़ को दबाती है और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देती।
उपमुख्यमंत्री का बयान : सरकार छात्रों के साथ खड़ी है
इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार छात्रों की मांगों को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे छात्रों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करें, ताकि छात्र अपनी ऊर्जा पढ़ाई में लगा सकें, न कि आंदोलनों में।