Ranchi (Jharkhand): झारखंड उच्च न्यायालय में शुक्रवार को बहुचर्चित ₹800 करोड़ के GST घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपित विक्की भालोटिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। यह मामला देश के सबसे बड़े जीएसटी धोखाधड़ी मामलों में से एक माना जा रहा है। इस दौरान न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की एकल पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को निर्देश दिया कि वह विक्की की जमानत याचिका पर लिखित जवाब प्रस्तुत करे। फिलहाल कोर्ट ने विक्की को कोई राहत नहीं दी है।
क्या है पूरा मामला?
ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, विक्की भालोटिया ने कंपनियों के माध्यम से फर्जी GST इनवॉइस तैयार कर सरकार को 800 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।
14 हजार करोड़ का बड़ा फर्जीवाड़ा
इस घोटाले में सिर्फ विक्की ही नहीं, बल्कि शिव कुमार देवड़ा, सुमित गुप्ता, अमित गुप्ता समेत कई व्यापारी शामिल हैं, जिन पर ₹14 हजार 325 करोड़ रुपये के फर्जी चालान तैयार करने का आरोप है।
इन चालानों के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फर्जी दावा किया गया। जांच में यह बात सामने आई कि इन आरोपियों ने देशभर में 90 से अधिक शेल कंपनियों के जरिए यह गड़बड़ी की।
ईडी और GST इंटेलिजेंस की संयुक्त जांच
इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और GST इंटेलिजेंस संयुक्त रूप से कर रहे हैं। दोनों एजेंसियों का कहना है कि ये कंपनियां केवल कागजों पर मौजूद थीं और इनका अस्तित्व केवल टैक्स चोरी के लिए था।
फर्जी लेनदेन दिखाकर इन कंपनियों ने आईटीसी प्राप्त किया और सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
अब आगे क्या?
अदालत में अगली सुनवाई से पहले ईडी को अपना जवाब दाखिल करना होगा। यह तय माना जा रहा है कि एजेंसी विक्की के खिलाफ पुख्ता सबूतों के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
वहीं, विक्की भालोटिया को फिलहाल जमानत नहीं मिली है और वह अब भी न्यायिक हिरासत में है।
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