नई दिल्ली : बिहार के बाद अब पूरे देश में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) किया जाएगा। चुनाव आयोग ने 24 जुलाई को इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि यह निर्णय मतदाता सूची की अखंडता की रक्षा और लोकतंत्र की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लिया गया है।
पूरे देश में SIR का आदेश
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यह प्रक्रिया केवल बिहार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि जल्द ही देश के अन्य हिस्सों में भी SIR का शेड्यूल जारी किया जाएगा। आयोग ने कहा, संविधान के अनुरूप मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है। इसलिए पूरे देश में SIR लागू किया जा रहा है।
क्या होता है SIR
SIR यानी Special Intensive Revision का मकसद वोटर लिस्ट की जांच और शुद्धीकरण करना होता है। इस प्रक्रिया के तहत:
- मृत मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं।
- स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके लोगों को सूची से हटाया जाता है।
- दो स्थानों पर दर्ज नामों को हटाया जाता है।
- और फर्जी या विदेशी नामों की पहचान की जाती है।
- इस प्रक्रिया से मतदाता सूची में अवांछित नामों को हटाकर चुनाव को निष्पक्ष बनाया जाता है।
आलोचना और जवाब
हाल ही में SIR को लेकर कुछ राजनीतिक दलों और समूहों ने आपत्ति जताई थी। इस पर आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा है कि क्या निर्वाचन आयोग संविधान के खिलाफ जाकर ऐसे मतदाताओं के नाम छोड़ दे, जो या तो मर चुके हैं, देश छोड़ चुके हैं या फर्जी हैं? आयोग ने दोटूक कहा कि भारत का संविधान लोकतंत्र की जननी है और उसकी रक्षा के लिए मतदाता सूची का शुद्धीकरण आवश्यक है।
फर्जी वोटिंग पर लगाम लगेगी
देशभर में SIR की यह पहल चुनाव आयोग की पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे फर्जी वोटिंग पर लगाम लगेगी और चुनाव प्रक्रिया में लोगों का विश्वास और मजबूत होगा। आयोग जल्द ही इस पूरे अभियान का शेड्यूल घोषित करेगा।