पटना : बिहार में मौसम के बिगड़ने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 24 घंटों में राज्य के कई जिलों में बारिश, मेघ गर्जन और वज्रपात की संभावना जताई है। विशेष रूप से पूर्वी बिहार के जिलों में इसका प्रभाव अधिक देखने को मिलेगा। इस दौरान 10 जिलों में बारिश और वज्रपात को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
इन जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार (21 फरवरी 2025) को बिहार के गया, नवादा और राज्य के पूर्वी इलाकों में मेघ गर्जन और वज्रपात की संभावना है। इसके साथ ही, इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, जमुई और बांका में हल्की वर्षा और मेघ गर्जन की संभावना जताई गई है। राज्य के कटिहार, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में भी बारिश होने का अनुमान है।
इन घटनाओं के कारण लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। वज्रपात के दौरान सुरक्षित स्थान पर शरण लेना और बिजली के खंभों से दूर रहना आवश्यक होगा।
मौसम में गिरावट और तापमान में बदलाव
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है। इस बदलाव का असर बिहार के अधिकांश हिस्सों में महसूस किया जाएगा।
गुरुवार का मौसम
गुरुवार को राजधानी पटना समेत आसपास के इलाकों में मौसम आमतौर पर शुष्क बना रहा। आंशिक रूप से बादल छाए रहे, लेकिन बारिश नहीं हुई। इस शुष्क मौसम के कारण बिहार के 20 शहरों में अधिकतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं, डेहरी (रोहतास) में 31.5 डिग्री सेल्सियस के साथ राज्य का सबसे अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।
पटना समेत अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी देखी गई। पटना का न्यूनतम तापमान 17.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि अगवानपुर (सहरसा) में 11.7 डिग्री सेल्सियस के साथ राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
मौसम में बदलाव का कारण
मौसम में हो रहे इस बदलाव के पीछे चक्रवातीय परिसंचरण का प्रभाव बताया जा रहा है। यह परिसंचरण पश्चिमी राजस्थान और गांगेय पश्चिम बंगाल के आसपास स्थित है, जिससे बिहार में मौसम के बिगड़ने की संभावना उत्पन्न हुई है।
बारिश के दौरान क्या न करें
बारिश के दौरान नहाने से जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
बारिश के दौरान बिजली के खंभों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि वे बिजली के झटके का कारण बन सकते हैं।
बारिश के दौरान पानी भरे इलाकों में जाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें खतरनाक जीवाणु और विषाक्त पदार्थ हो सकते हैं।
बारिश के दौरान ड्राइविंग करने से बचना चाहिए, क्योंकि सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं और दृश्यता कम हो सकती है।
बारिश के दौरान बिजली के उपकरणों का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें बिजली के झटके का खतरा हो सकता है।
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