रांची : सोमवार को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चमरा लिंडा ने कल्याण कॉम्प्लेक्स में आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा और अन्य अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री ने आदिवासी समुदाय के लिए राज्य सरकार की योजनाओं और नीतियों की समीक्षा की और महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2025-26 को आदिवासी स्वाभिमान वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। इसके लिए समर्पित प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड की विशिष्ट पहचान का प्रतीक यहां का आदिवासी समाज है। जिसकी संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली इस भूमि की धरोहर हैं। उन्होंने आदिवासी समाज के गौरवशाली अतीत को संरक्षित करने और उनके आत्मसम्मान को सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में प्रबन्ध निदेशक टीसीडीसी नीलसोम बागे, उप निदेशक धीरेंद्र सिंह, अप निदेशक मोनिका टूटी, राकेश उरांव और अमृता कुजूर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षा देने की बनाएं योजना
चमरा लिंडा ने अधिकारियों से कहा कि वे आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए योजनाएं तैयार करें और सुनिश्चित करें कि एकलव्य विद्यालयों सहित अन्य कल्याण आवासीय विद्यालयों में नामांकन परीक्षा समय पर आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे जो उनके सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देंगे।
मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य एक ऐसे झारखंड की कल्पना करना है जहां आदिवासी समाज अपने अधिकारों के साथ स्वाभिमानपूर्वक जीवन जी सके और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजो सके।