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क्या होता है डीपफेक? सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को जारी की एडवाइजरी…

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क: रश्मिका मंदाना की फेक वीडियो वायरल होने के बाद से लोगों के बीच डीपफेक को लेकर चर्चा बढ़ने लगी है। वहीं, इस घटना के बाद सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के एडवाइजरी जारी की है। आइए जानते हैं डीपफेक क्या होता है और सरकार ने क्या एडवाइजरी जारी की है।

डीपफेक क्या होता है?

अपने नाम से ही खुद की पहचान देता है डीपफेक। डीपफेक (Deepfake) एक तकनीक है, जिसका उपयोग मानव चेहरों और आवाजों को डिजिटल रूप में बदलने के लिए किया जाता है। यह तकनीक वीडियो के लिए बनाई गई है, लेकिन इसका दुरुपयोग धोखाधड़ी के उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है और यह सही सूचना और जानकारी को जाली करने में मदद करता है। डीपफेक टेक्नोलॉजी से वीडियो और फोटो को बनाने के लिए मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया जाता है, जिसमें वीडियो और ऑडियो को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद से बदला जा सकता है। इसी तरह से डीपफेक का उपयोग रश्मिका मंदाना के वीडियो को बनाने के लिए किया गया था।

क्या है आईटी मंत्रालय की एडवाइजरी

मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में वर्तमान नियमों (66D) को दोहराते हुए कहा गया है की कंप्यूटर संसाधन का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी करने पर 3 साल की कैद और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। नियम 3(1)(B)(vii) के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को नियमों और गोपनीयता नीति का पालन करना होगा। सोशल मीडिया कंपनियों को इस तरह के कंटेंट पोस्ट करने वाले यूजर्स को रोकना होगा। नियम 3(2)(B) के मुताबिक किसी कंटेंट पर शिकायत मिलने पर 24 घंटे के भीतर उसे अपने प्लेटफॉर्म से हटाना होगा।

ऐसे फेक वीडियोज पर सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया डीपफेक जैसे चीजों पर देनी शुरू कर दी और यह हॉट टॉपिक सोशल मीडिया पर बहस का कारण बन गई। अमिताभ बच्चन ने भी वीडियो को साझा करते हुए कहा कि इस पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

हाल के डीपफेक वीडियो का मामला क्या है?

बता दें कि सोमवार, 6 नवंबर को रश्मिका मंदाना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था, जो कि उनका नहीं था, बल्कि एक फेक वीडियो था। यह वायरल वीडियो सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर जारा पटेल का था, जिसे एडिट करके जारा पटेल के चेहरे को रश्मिका मंदाना के चेहरे से बदल दिया गया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डीपफेक वीडियो ऐसे गलत सूचना का सबसे भयानक रूप है।

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