हेल्थ डेस्क। Chilli Benefits: खाने को लज़ीज़ बनाने के साथ-साथ मिर्च (Chilli) कई औषधीय गुणों का भंडार भी हैं। भले ही उनकी तीखापन आंखों में पानी ला दे, लेकिन इनमें छिपे पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। आइए, देखते हैं, हरी और लाल मिर्च की सेहत पर क्या कहानी है:-
Green Chilli: विटामिन C का पावरहाउस
अपनी हरी चमक और हल्की तीखापन के लिए जानी जाने वाली हरी मिर्च विटामिन C का एक समृद्ध स्रोत है। रोजाना सिर्फ एक मिर्च से शरीर की ज़रूरत का लगभग 70% विटामिन C मिल जाता है। यह इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है, संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है और त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।
Green Chilli: कैलोरी व वसा कम मात्रा में पाया जाता है

Green Chilli
हरी मिर्च में कैलोरी और वसा बेहद कम होती है, लेकिन फाइबर की मात्रा अच्छी होती है। हरी मिर्च का नियमित सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर वजन घटाने में भी सहायक होता है। इसक सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर रहती है।
Green Chilli: शुगर लेवल को नियंत्रित करती है
इसमें कैप्साइसिन नामक तत्व पाया जाता है, जो तीखापन के लिए जिम्मेदार है। कई शोधों में पाया गया है कि कैप्साइसिन दर्द निवारक के रूप में भी काम करता है, ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
Red Chilli:: एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना

Red Chilli
सूरज की किरणों में पकने के बाद हरी मिर्च लाल हो जाती हैं। इस प्रक्रिया में कैप्साइसिन की मात्रा बढ़ जाती है, साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी बढ़ जाती है। लाल मिर्च में विटामिन A भी अधिक पाया जाता है, जो आंखों के लिए बहुत जरूरी है।
Red Chilli: आंखो के लिए फायदेमंद
लाल मिर्च में पाए जाने वाले कैरोटीनॉयड्स सेल्स को नुकसान से बचाते हैं और कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा, ये आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं और मोतियाबिंद के खतरे को कम करते हैं।
कुछ शोध बताते हैं कि लाल मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे हार्ट की सेहत बेहतर होती है। ये कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम कर सकता है।
Green Chilli – Red Chilli:- कौन बेहतर?
यह कहना मुश्किल है कि हरी मिर्च या लाल मिर्च सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद हैं। दोनों ही अपने-अपने पोषक तत्वों से भरपूर हैं और अलग-अलग लाभ देते हैं।
अधिक विटामिन C और कम कैप्साइसिन के लिए हरी मिर्च एक अच्छा विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें ज्यादा तीखापन पसंद नहीं है।
हार्ट हेल्थ और एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए लाल मिर्च बेहतर हो सकती है, लेकिन इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि कैप्साइसिन ज्यादा होने से पेट खराब हो सकता है।
अति हर चीज़ की बुरी
यह ध्यान रखना जरूरी है कि दोनों ही मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा तीखापन पेट के लिए नुकसानदेह हो सकता है और एसिडिटी, अल्सर जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को भी तीखापन कम करने के लिए या हल्का पकाकर ही मिर्च का सेवन करना चाहिए।
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