नई दिल्ली : मिस्र के विदेश मंत्री बद्र आब्देलत्ती फरवरी के पहले सप्ताह में भारत की यात्रा पर आएंगे। इस यात्रा के दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास की समीक्षा करेंगे और व्यापार, निवेश, पोत परिवहन और कृषि क्षेत्रों में सहयोग विस्तार के नए रास्ते तलाश सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, आब्देलत्ती विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ विस्तृत वार्ता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के अलावा इजराइल-हमास संघर्ष विराम समझौते के बाद पश्चिम एशिया के बदलते हालात पर भी चर्चा हो सकती है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति आब्देल फतह अल-सीसी के बीच हुई बातचीत के फैसलों की समीक्षा भी हो सकती है।
साथ ही, दोनों पक्ष व्यापार, निवेश और कृषि समेत कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार करेंगे। गौरतलब है कि मिस्र के राष्ट्रपति ने जनवरी 2023 में भारत की यात्रा की थी और गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इसके बाद, उसी साल जून में प्रधानमंत्री मोदी ने मिस्र की यात्रा की थी, जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में गहरी प्रगति को दर्शाता है।
गौरतलब है कि इधर बीच मध्यपूर्व में हालात तेजी से बदल रहे हैं। ईरान मध्यपूर्व की ताकत बन कर उभरा है। भारत के ईरान से अच्छे संबंध हैं। ईरान में भारत ने चाबहार बंदरगाह विकसित किया है। अब भारत मध्यपूर्व के अन्य देशों से भी अपने संबंध गहरा कर रहा है। भारत और मिस्र पुराने दोस्त हैं। इधर बीच भारत का मिस्र के साथ कारोबार बढ़ा है। 1955 में भारत और मिस्र ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से थे।
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