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Jharkhand ATS and Military Intelligence big action : रांची में मिलिट्री इंटेलिजेंस व झारखंड एटीएस की बड़ी कार्रवाई, सेना की नकली वर्दी बरामद

by Anand Mishra
Jharkhand ATS and Military Intelligence big action
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Ranchi (Jharkhand) : झारखंड की राजधानी रांची में एक सनसनीखेज कार्रवाई में सेना की खुफिया एजेंसी (मिलिट्री इंटेलिजेंस) और झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर सेना की नकली वर्दी का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिली एक विशेष और महत्वपूर्ण सूचना के आधार पर यह कार्रवाई बूटी मोड़ इलाके में स्थित श्री गणेश आर्मी स्टोर नामक एक दुकान पर की गई। छापेमारी के दौरान, दुकान से भारी मात्रा में सेना की हूबहू नकली वर्दी और बिना किसी वैध अनुमति के बनाए गए लड़ाई वाले विशेष कपड़े बरामद किए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि इन नकली वर्दियों को आम नागरिकों को बेचा जा रहा था, जो सुरक्षा के लिहाज से एक गंभीर चिंता का विषय है।

मामले की संवेदनशीलता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके संभावित खतरे को देखते हुए, दुकान के मालिक को तत्काल हिरासत में ले लिया गया और उससे गहन पूछताछ की गई। हालांकि, पूछताछ के बाद उसे बॉन्ड भरवाकर फिलहाल छोड़ दिया गया है, लेकिन सदर थाने की पुलिस इस पूरे मामले की आगे की जांच में जुटी हुई है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और देश भर में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ऐसी स्थिति में, इतनी बड़ी मात्रा में नकली वर्दी का मिलना कई गंभीर सवालों को जन्म देता है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इन नकली वर्दियों का इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी तत्व किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के लिए कर सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस गोरखधंधे में और कौन-कौन शामिल हैं और उनके नापाक इरादे क्या थे। खुफिया एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इन नकली वर्दियों की आपूर्ति का स्रोत क्या था और ये कब से बेची जा रही थीं। इसके अलावा, यह भी जांच का विषय है कि क्या इन नकली वर्दियों को खरीदने वाले लोगों का कोई आपराधिक या आतंकवादी पृष्ठभूमि तो नहीं है।

सूत्रों की मानें तो मिलिट्री इंटेलिजेंस को काफी समय से इस दुकान पर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस ने जब इस सूचना को पुख्ता किया, तो उन्होंने तुरंत झारखंड एटीएस के साथ मिलकर एक संयुक्त टीम बनाई और इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस सफल छापेमारी ने खुफिया एजेंसियों की तत्परता और आपसी समन्वय को दर्शाया है।

यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा सबक भी है कि किस तरह से आम दुकानों में भी सेना की नकली वर्दी बनाकर बेची जा सकती है और इसका दुरुपयोग हो सकता है। अब संभावना है कि पूरे देश में इस तरह के आर्मी स्टोर्स की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं और भी इस तरह का अवैध कारोबार तो नहीं चल रहा है।

इस बरामदगी के बाद रांची और आसपास के इलाकों में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर उन लोगों की तलाश कर रही हैं जिन्होंने इन नकली वर्दियों को खरीदा है। इसके साथ ही, सीमावर्ती इलाकों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर भी निगरानी कड़ी कर दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।

यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है और यह दर्शाता है कि राष्ट्र विरोधी तत्व देश की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। खुफिया एजेंसियों और पुलिस को अब और अधिक सतर्क रहने और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखा जा सके। इस घटना ने आम जनता के बीच भी चिंता पैदा कर दी है और लोग सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

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