जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला झारखंड मंईयां सम्मान योजना में हमेशा हाईलाइट रहा है। यहां 50 हजार से अधिक महिलाओं को इस योजना की पिछली किस्त नहीं मिल पाई है। जिले के योजना का नया आवंटन मिल गया है। प्रत्येक लाभुक को दो महीने की किस्त देने के हिसाब ये यह आवंटन दिया गया है। मगर, फिलहाल लाभुकों के खाते में अभी रकम नहीं भेजी जा रही है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि ऊपर से आदेश है कि पहले उन लाभुकों को पिछली किस्त अदा की जाए इसके बाद नए आवंटन से लाभुकों को रकम उनके खाते में भेजी जाए। वैसे जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अधिकारियों से कहा है कि वह लाभुकों को नई किस्त की रकम भेजने की अनुमति दें।
जिन लाभुकों को पिछली किस्त बकाया है, उन्हें जांच के बाद रकम का आवंटन होगा। इसलिए, इधर लाभुकों को नई किस्त भेजने का काम शुरू कर दिया जाए तो बेहतर रहेगा। इसके बाद जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि रांची से हरी झंडी मिलने के बाद ही लाभुकों को नई किस्त का भुगतान शुरू किया जाएगा। इस बार लाभुकों के खाते में एक साथ दो महीने की किस्त के तौर पर 5000 रुपये भेजे जाएंगे।
लाभुकों के खाते जांच के दायरे में हैं
झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों की जांच प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। पूर्वी सिंहभूम जिले में 77 हजार लाभुकों के बैंक खाते फिलहाल होल्ड कर दिए गए हैं, जिनमें मंईयां सम्मान की राशि नहीं भेजी जाएगी। सबसे ज्यादा प्रभावित जमशेदपुर अंचल और गोलमुरी सह जुगसलाई प्रखंड हैं, जहां 27 हजार से अधिक चाकुलिया अंचल में सबसे कम यानी केवल 674 खातों को होल्ड किया गया है। प्रखंड स्तर पर सभी आवेदनों की जांच की जा रही है।
लाभुक सही पाए जाने के बाद भेजी जाएगी इन खातों में रकम
यदि जांच में दस्तावेज और जानकारी सही पाए जाते हैं तो राशि खाते में भेजी जाएगी, लेकिन अगर गड़बड़ी मिलती है तो लाभुकों से पैसे वापस लिए जाएंगे और उनके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो लाभुक अन्य किसी सरकारी पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं, उनसे योजना की राशि वसूली जाएगी और उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा।
प्रज्ञा केंद्रों पर भी कसी गई लगाम
फर्जी और अवैध आवेदनों पर रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार ने जनवरी माह से ही प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद कई माध्यमों से योजना का लाभ लेने के मामले सामने आए हैं। पूर्वी सिंहभूम में कुल 77 हजार ऐसे मामलों का खुलासा हुआ है, जिनमें लाभुकों को डीबीटी के बिना ही योजना का लाभ मिल गया। अब इन मामलों की जांच शुरू हो चुकी है और गड़बड़ी साबित होने पर वसूली की जाएगी।
विभाग की प्राथमिकता सिर्फ पात्र लाभुक
सरकार का मुख्य उद्देश्य केवल उन्हीं लाभुकों को योजना का लाभ देना है जो वास्तव में इसके पात्र हैं। विभाग द्वारा सभी रिकॉर्ड की गहन जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर लाभुकों को योजना से वंचित किया जाएगा।
पश्चिमी सिंहभूम में 7000 लाभुकों के नाम हटेंगे
इस बीच पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी जांच के बाद लगभग 7000 लाभुकों के नाम मंईयां सम्मान योजना से हटाए जा रहे हैं। इनमें करीब 3000 लाभुक वे हैं जो सरकारी कर्मचारियों के परिवारों से जुड़े हैं, आंगनबाड़ी, पारा शिक्षक, सरकारी पेंशनधारी या अन्य किसी सरकारी योजना से लाभ ले रहे हैं। इन लाभुकों ने आवेदन के समय गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए थे, जिन्हें अब विभाग चिन्हित कर रहा है। प्रारंभिक जांच में यह संख्या 3000 के आसपास बताई जा रही है, जिसे अंतिम सूची तैयार कर हटाया जाएगा।
Read also Jharkhand Maiyan Samman Yojna : झारखंड की 20 हजार महिलाओं को मिलेंगे एक साथ 10 हजार रुपए