RANCHI (JHARKHAND) : राज्य के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने शनिवार को आदिवासी कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कई निर्देश दिए। बैठक में विभाग के सचिव, आदिवासी कल्याण आयुक्त और आदिवासी सहकारी विकास निगम के प्रबंध निदेशक मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सही समय पर पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करना अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
शिक्षा पर दिया विशेष जोर
कल्याण मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्रों को देश की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि गुणवत्तापूर्ण कोचिंग के लिए चयनित संस्थानों से समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू कराई जाए। उनका मानना है कि यह कदम आदिवासी युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में मददगार सिद्ध होगा।
विदेश में पढ़ने का मिलेगा मौका
बैठक में मरंग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इस योजना के अंतर्गत विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक आदिवासी स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति दी जाती है। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्र चयन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए ताकि योग्य स्टूडेंट्स समय पर लाभ उठा सकें।
साइकिल वितरण में लाएं तेजी
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी साइकिल योजना को भी शीघ्र लागू करने पर बल देते हुए मंत्री ने सभी जिलों में साइकिल वितरण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इससे स्कूली छात्राओं की शिक्षा में नियमितता आएगी और ड्रॉपआउट की दर में कमी आएगी। रोजगार सृजन के संदर्भ में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की समीक्षा करते हुए चमरा लिंडा ने कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाकर युवाओं को योजना से जोड़ा जाए।
स्वास्थ्य सेवा को बनाए बेहतर
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी मंत्री ने 16 ग्रामीण कल्याण अस्पतालों के बेहतर संचालन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दूरस्थ आदिवासी इलाकों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए त्वरित कदम उठाए जाने चाहिए। मंत्री ने सभी योजनाओं की समयबद्ध समीक्षा सुनिश्चित करने और जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की गति तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यही शासन की सफलता का मापदंड है।