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Jamshedpur Flood : जमशेदपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं खरकई और स्वर्णरेखा नदियां, बागबेड़ा व जुगसलाई में बाढ़

जमशेदपुर में सैकड़ों घर बाढ़ में जलमग्न हो गए हैं, मानगो के भी निचले इलाकों में पानी भरा है

by Mujtaba Haider Rizvi
Flood threat increased in Jamshedpur
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Jamshedpur Flood : पूर्वी सिंहभूम जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण खरकई और स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। जिला प्रशासन ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। खरकई नदी का जलस्तर 3.5 मीटर तथा स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर 0.20 मीटर खतरे के स्तर से ऊपर बह रहा है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सतत निगरानी बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। नदियों का पानी बागबेड़ा, जुगसलाई, शास्त्रीनगर, भुइयांडीह, बागुनहातू, मानगो आदि इलाके में भर गया है। नदी किनारे रहने वालों को वहां से हटा लिया गया है।

बागबेड़ा में सैकड़ों घर जलमग्न

बागबेड़ा क्षेत्र की नया बस्ती, बाबा कुटी आदि के समीपवर्ती इलाकों, सिद्धू कानू बस्ती, रेलवे सोसाइटी के पास की बस्तियों तथा शिवनगर के निचले भागों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सह जिला भाजपा मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा ने बताया कि 225 से अधिक मकान बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं और स्थिति गंभीर होती जा रही है।

बाढ़ के कारण नया बस्ती क्षेत्र के 100 से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर गया है, जिनमें से 50 से 60 घर पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। कई परिवार अपने घरों का सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में लगे हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्यों के लिए निम्न स्थानों को सुरक्षित कैंप के रूप में चिह्नित किया गया है:

  • प्राथमिक विद्यालय, रोड नंबर 3
  • सिद्धू कानू मैदान
  • लोहिया भवन
  • सरस्वती शिशु विद्या मंदिर
  • बागबेड़ा थाना चौक

सुबोध झा ने जिला प्रशासन से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री जैसे चूड़ा, गुड़, केला, पावरोटी, फल आदि की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने शुद्ध पेयजल के लिए पानी के टैंकर तथा अन्य सामाजिक संस्थाओं से सूखा राहत सामग्री पहुंचाने की अपील भी की है।

स्लुइस गेट निर्माण की मांग

स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की ओर से यह भी मांग उठाई जा रही है कि शिव घाट पर स्लुइस गेट का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए। इसके अतिरिक्त, बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 50 एचपी की दो मोटर, जनरेटर तथा ऑपरेटर की स्थायी व्यवस्था की मांग भी की गई है ताकि बाढ़ का पानी पंप के माध्यम से नदी में वापस भेजा जा सके।

जुगसलाई क्षेत्र भी प्रभावित

जुगसलाई क्षेत्र में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है। वहां 100 से अधिक घरों में पानी घुस चुका है और स्थानीय लोग प्रशासन से तत्काल राहत सहायता की मांग कर रहे हैं।

प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन की ओर से आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे न जाएं और सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर रहें। आपदा प्रबंधन टीम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यकतानुसार राहत कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।

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