रांची : राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ और एक्टिव बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। जिसमें राज्य भर के सिविल सर्जन, अस्पताल उपाधीक्षक और व्ययन पदाधिकारी शामिल हुए। उन्होंने विशेष रूप से 108 एंबुलेंस सेवा पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में जो भी एंबुलेंस छोटी-मोटी तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ी हैं, उन्हें 15 दिनों के भीतर फिर से संचालित किया जाए। इसके लिए आवश्यक राशि प्राक्कलन के अनुरूप शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि एंबुलेंस सेवाओं की उपलब्धता 100 प्रतिशत सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में आम जनता को त्वरित सहायता मिल सके।
सभी अस्पतालों में इक्विपमेंट्स की मांगी लिस्ट
बैठक में उन्होंने सभी अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सकीय उपकरणों एवं मशीनों की स्थिति का आकलन कर उसकी सूची विभाग को शीघ्र भेजने के निर्देश दिए। विशेष रूप से जिन अस्पतालों में एक्स-रे मशीन नहीं हैं, उनकी सूची तत्काल तैयार कर भेजने को कहा गया। इसके साथ ही एक सप्ताह के भीतर मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया गया। सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता पर भी चर्चा करते हुए एसीएस ने कहा कि जहां जगह की कमी है, वहां आईपीएच (इंडियन पब्लिक हेल्थ) मानकों के अनुरूप व्यवस्था कराई जाए।
स्वास्थ्य केंद्रों की अपलोड करें फोटो
वित्तीय वर्ष 2025-26 के तहत आवंटित राशि, उपविभाजन और एनएचएम योजनाओं की भी समीक्षा की गई। एसीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) तक का रंग-रोगन और सौंदर्यीकरण कार्य एक महीने के भीतर पूरा किया जाए। सभी कार्यों का फोटोग्राफ विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा, ताकि अगली समीक्षा में प्रगति का मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा सीधे जनता से जुड़ी हुई है, और इसमें लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। विभाग की ओर से आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं, अब जिलास्तरीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।