राजस्थान : जनवरी में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है, लेकिन उससे पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले में इस समय अर्द्धकुंभ का विशेष आयोजन हो रहा है। यह अर्द्धकुंभ बाड़मेर के चौहटन में स्थित प्रसिद्ध सुईयां महादेव मंदिर में आयोजित हो रहा है, जहां श्रद्धालु न केवल धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, बल्कि यहां एक खास परंपरा भी निभाते हैं, जिसे गर्म निशान या जलती सलाखों की परंपरा कहा जाता है। इस अनूठे मेले में श्रद्धालु अपनी बाजू पर इस निशान को लगवाते हैं, जिसे वे जीवनभर अपने साथ रखते हैं।
सुईयां महादेव मंदिर और उसके धार्मिक महत्व
सुईयां महादेव मंदिर राजस्थान के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, जहां प्रत्येक वर्ष हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां के कुंड में स्नान करने से हर मनोकामना पूरी होने का विश्वास है। इस कुंड में स्नान करने के बाद श्रद्धालु अपने जीवन की सारी समस्याओं का समाधान होते हुए महसूस करते हैं। मंदिर परिसर में अन्य पवित्र स्थल जैसे कपालेश्वर महादेव मंदिर, धर्मराज की बेरी और इंद्रभान तालाब भी हैं, जो इस क्षेत्र के धार्मिक महत्व को और बढ़ाते हैं।
जलती सलाखों का रहस्य
यहां के मेले में एक अद्भुत परंपरा है, जहां श्रद्धालु अपनी बाजू पर जलती सलाखों का निशान लगवाते हैं। यह निशान एक तरह से श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, जो लोग इस परंपरा का पालन करते हैं, उन्हें भगवान महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह परंपरा सिर्फ एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता की ओर एक कदम है। गर्म सलाखों का निशान लगाने से श्रद्धालु अपने भीतर की पीड़ा और दुखों को समाप्त करने की भावना रखते हैं।
कलेक्टर टीना डाबी का निरीक्षण
इस धार्मिक आयोजन की महत्ता को देखते हुए, सोमवार को अमावस्या के दिन स्थानीय कलेक्टर टीना डाबी और एसपी नरेंद्र मीणा ने अर्द्धकुंभ मेले का औचक निरीक्षण किया। इस मौके पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खासतौर पर मेले में श्रद्धालुओं के बीच शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल को हर स्थान पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, सुरक्षा कारणों से कंट्रोल रूम भी स्थापित किए गए हैं, ताकि किसी भी असुविधा से निपटा जा सके।
पुलिस व्यवस्था और श्रद्धालुओं की भीड़
सुईयां महादेव मंदिर के परिसर में, विशेष रूप से जब अमावस्या का दिन होता है, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस बार अनुमान है कि एक लाख से ज्यादा लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं। पुलिस प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही, मेले के दौरान किसी भी तरह के व्यवधान से बचने के लिए रास्तों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
सुईयां महादेव मंदिर का अर्द्धकुंभ मेला राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहां की परंपराएं और मान्यताएं केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बन चुकी हैं। जलती सलाखों का निशान और कुंड में स्नान करने के बाद मनोकामनाओं का पूरा होना श्रद्धालुओं के विश्वास को और मजबूत करता है। राजस्थान के इस अनूठे आयोजन को लेकर हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी परिचायक है।