Ranchi : झारखंड में अवैध खनन और प्रशासनिक भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सिल्ली के राढ़ू नदी पर बना पुल कभी भी गिर सकता है, क्योंकि वह बालू माफियाओं की ‘खोदाई’ का शिकार बन चुका है।
“हेमंत सरकार की शह पर फल-फूल रहा बालू कारोबार”
मरांडी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा है, “हेमंत सोरेन के पोषित बालू तस्कर सिर्फ पुल नहीं, बल्कि राज्य की नींव, विकास की संभावनाएं और युवाओं का भविष्य तक खोद रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि घोर भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण राढ़ू नदी का पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है, जो राज्य की कमजोर होती व्यवस्था का जीवंत प्रतीक बन गया है।
पहले भी दी थी चेतावनी, कोई कार्रवाई नहीं
मरांडी ने कहा कि उन्होंने पहले भी सिल्ली में चल रहे अवैध बालू खनन की जानकारी सरकार को दी थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने लिखा है, “ऐसा लगता है सरकार का एकमात्र उद्देश्य नदियों, पहाड़ों को बेचकर अपनी तिजोरी भरना बन चुका है।”
पुलिस और प्रशासन पर वसूली का आरोप
भाजपा नेता ने कहा कि खनन विभाग केवल कागजों पर टास्क फोर्स बना रहा है, जबकि ज़मीनी हकीकत यह है कि पुलिस थानों से वसूली कर रकम मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई जा रही है। उन्होंने अफसरों को चेताया है कि अगर अब भी चुप्पी साधी गई, तो यह लूट में भागीदारी मानी जाएगी।
‘बाबूलाल का तंज ‘अबुआ’ नहीं ‘ठगुआ’ सरकार
एक अन्य पोस्ट में मरांडी ने कहा, “यह अबुआ सरकार नहीं, ठगुआ सरकार है।” उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में करोड़ों की निकासी का मुद्दा उठाया, जिसमें कैशियर और डिविजनल क्लर्क ने स्वीकार किया है कि कमीशन की रकम विभागीय अधिकारियों और पूर्व मंत्री तक जाती थी।
‘गिरिडीह’ कोडवर्ड से रकम ठिकाने लगाने का आरोप
मरांडी ने दावा किया कि इस घोटाले में पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर के जरिए रकम मुख्यमंत्री तक पहुंचाई गई और ‘गिरिडीह’ जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल कर पैसे का ट्रैक छुपाया गया। उन्होंने पूछा है, “झामुमो-कांग्रेस सरकार झारखंड को किस हद तक लूटेगी?”
रोजगार और निवेश की संभावनाएं खत्म
मरांडी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब पूरी सरकार लूट में व्यस्त होगी, तब युवाओं को रोजगार और राज्य में निवेश कैसे आएगा?