फोटोन न्यूज: ओपन एआई अगले सप्ताह एंड्रॉयड यूजर्स के लिए चैट जीपीटी एप लॉन्च करने वाली है। यह जानकारी कंपनी ने एक ट्वीट के माध्यम से दी है। iOS एप की तरह एंड्रॉयड एप भी पहले US में लॉन्च हो सकता है। फ़िलहाल आप एप के लिए गूगल प्लेस्टोर पर जाकर प्री-रजिस्टर कर सकते हैं। हां, iOS के मुकाबले एंड्रॉयड वर्जन का इंटरफेस थोड़ा अलग होगा।
गूगल प्लेस्टोर पर शेयर की गईं तस्वीरें
गूगल प्लेस्टोर पर एप की कुछ तस्वीरें शेयर की गई हैं। इन तस्वीरों से पता लगता है कि इसमें iOS की तरह सवाल-जवाब कर पाएंगे। टॉप लेफ्ट पर सेटिंग बदलने के लिए तीन लाइन्स दिखेंगी जबकि राइट में तीन डॉट बने नजर आएंगे।
चैट जीपीटी की शुरुआत
सैम अल्टमैन ने एलन मस्क के साथ मिलकर वर्ष 2015 में चैट जीपीटी की शुरुआत की थी। एक-दू साल के बाद ही मस्क ने इस प्रोजेक्ट को बीच में ही छोड़ दिया। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने 30 नवंबर 2022 को एक प्रोटोटाइप के तौर पर इसे लान्च किया।
क्या है चैट जीपीटी?
चैट जीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बॉट है। इसका फुलफॉर्म चैट जेनरेटिव प्रिंटेड ट्रांसफार्मर है। यह गूगल की तरह ही एक सर्च इंजन है। चैट जीपीटी पूर्णतः AI सिस्टम पर काम करता है। पूछे गए प्रश्नों को यह तुरंत टाइप कर आपके सामने प्रस्तुत कर देगा। इसके लिए किसी दूसरे वेबसाइट या ब्लॉग का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। पूछे गए प्रश्न के उत्तर को बार-बार रीजेनरेट कर संतोषजनक उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे करें चैट जीपीटी का इस्तेमाल?
Chat GPT का कोई भी बहुत ही आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। चैट जीपीटी पर अपना आईडी जीमेल आईडी या माइक्रोसॉफ्ट आईडी द्वारा साइनअप किया जा सकता है। साइन अप करने के बाद कुछ आसान प्रक्रियाओं को सेलेक्ट कर आप इसे शुरू कर सकते हैं।
Chat GPT से गूगल को कितना प्रभाव पड़ेगा?
चैट जीपीटी गूगल के तरह ही एक इनफॉरमेशन हब बनने वाला है। इसमें बिल्कुल शक नहीं कि यह गूगल को प्रभावित नहीं करेगा। यूजर्स के नजरिए से इसका इंटरफेस और कार्यशैली काफी आसान होता है तो निश्चित तौर पर या गूगल को काफी प्रभावित करने वाला है।
चूंकि गूगल प्रत्येक सप्ताह या प्रत्येक महीने अपना अपडेट लाता रहता है अतः यह संभव है कि गूगल चैट जीपीटी को टक्कर देने के लिए वह अपना एआई सिस्टम और भी मजबूत करेगा।
जानें, चैटजीपीटी-4 की खूबियां
ओपन एआई ने चैटबोट चैटजीपीटी नया एडवांस संस्करण GPT-4 मार्च में लॉन्च किया था। यह कई विषयों का एक्सपर्ट है। यह चिकित्सीय सलाह भी देता है, जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह जाते हैं। इमेज देखकर उसको डिस्क्राइब कर सकता है। इसके चुटकुले भी पहले से ज्यादा मजेदार हो गए हैं।
एंड्राइड यूजर्स के लिए कब से हागा उपलब्ध
चैट जीपीटी प्रतिद्वंद्वी गूगल बार्ड चैटबॉट के पास वर्तमान में कोई डेडिकेटेड मोबाइल एप नहीं है। हालांकि, यूजर प्लेटफॉर्म के वेब-आधारित इंटरफेस को एक्सेस कर सकते हैं। इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट का बिंग एप फरवरी से एंड्रॉयड और आईओएस एप पर उपलब्ध है। यह एप एक चैटबॉट के साथ भी आता है जो कंपनी के प्रोमेथियस मॉडल और ओपन एआई के जीपीटी-4 का उपयोग करता है।
निरंतर विकास से काम हो रहा आसान
Google और Meta जैसी अन्य तकनीकी कंपनियों ने स्वयं की भाषा मॉडल उपकरण विकसित किए हैं। ये ऐसे प्रोग्राम का उपयोग करते हुए पूछे गए सवालों के जवाब देते हैं। ओपन एआई ने जो यह इंटरफेस तैयार किया है इसे आम जनता सीधे प्रयोग में ला रही है। वैसे अभी भी इस पर काम चल रहा है और कुछ जगहों पर पाया गया है कि जवाब उतने संतोषजनक नहीं हैं।
2 मिलियन तक चैट जीपीटी के यूजर्स की संख्या
फिलहाल Chat GPT English भाषा में काफी प्रयोग में लाया जाने लगा है। लेकिन यह हिन्दी और अन्य भाषाओं पर भी काम करेगा। देखा जा रहा है कि इस चैट जीपीटी के यूजर्स की संख्या करीब 2 मिलियन तक पहुंच गई है। कुछ लोगों के अपने अनुभव के आधार पर बताया है कि यह किसी भी विषय में लेख लिख लेता है। कुछ लोगों को इसे लेकर ज्यादा सकारात्मक उत्तर नहीं मिला।
फिलहाल नहीं देना होगा कोई शुल्क
Chat GPT का उपयोग करने के लिए किसी भी यूजर को पहले इनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर अपना एक अंकाउट बनाना होगा जिसके बाद चैट जीपीटी का इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी तक कंपनी चैट जीपीटी का उपयोग करने के लिए कोई शुल्क नहीं ले रही है।