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Congress Election Rally in Simdega : राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी पर हमला, कहा-संविधान पढ़ा होता तो नफरत नहीं फैलाते

कांग्रेस नेता व संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सिमडेगा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के पास ‘मोहब्बत की दुकान’ है, जबकि भाजपा के पास ‘नफरत का बाजार’ है।

by Anand Mishra
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सिमडेगा : कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने भारतीय संविधान को पढ़ा होता, तो उन्होंने नफरत नहीं फैलाई होती और समाज को विभाजित नहीं किया होता। राहुल गांधी ने भाजपा पर संविधान को ‘‘कूड़ेदान में डालने की कोशिश’’ करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान की रक्षा करती रही है।

भाजपा पर संविधान का अपमान करने का आरोप

राहुल गांधी ने सिमडेगा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भा.ज.पा. संविधान को कूड़ेदान में डालने की कोशिश कर रही है, जबकि हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान पढ़ा होता, तो न तो वे नफरत फैलाते और न ही समाज को बांटते।’’ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के पास ‘मोहब्बत की दुकान’ है, जबकि भाजपा के पास ‘नफरत का बाजार’ है।

मोहब्बत की दुकान बनाम नफरत का बाजार

राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमारे पास मोहब्बत की दुकान है, लेकिन उनका नफरत का बाजार है। हम भाजपा की नफरत और हिंसा को मोहब्बत से खत्म कर सकते हैं।’’ उनका यह बयान भाजपा की राजनीति और सरकार की नीतियों पर तगड़ा कटाक्ष था, जो उन्होंने मुस्लिम, दलित, और आदिवासी समुदायों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया।

गरीबों के लिए मोदी का दोहरा रवैया

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वे गरीबों का सम्मान करते हैं, लेकिन कृषि ऋण माफ नहीं करते। इसके साथ ही, उन्होंने मोदी पर धारावी में एक लाख करोड़ रुपये की ज़मीन उद्योगपतियों को देने की कोशिश का आरोप लगाया। राहुल ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री मोदी से डरते नहीं हैं, क्योंकि वह अरबपतियों के लिए काम कर रहे हैं, जैसे उनकी कठपुतली।’’

जाति आधारित जनगणना की अहमियत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी वकालत में जाति आधारित जनगणना का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि यह जनगणना किसी भी हालत में होगी और इससे भारत की तस्वीर बदल जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जाति आधारित जनगणना से आदिवासियों, दलितों और ओबीसी की स्थिति को उजागर किया जाएगा, जो लंबे समय से संविधान में उनके अधिकारों को नजरअंदाज किया गया है।’’

झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी

राहुल गांधी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड में एक आदिवासी मुख्यमंत्री को भाजपा ने सलाखों के पीछे डाल दिया था।’’ हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में की गई थी, हालांकि बाद में उन्हें उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई थी। राहुल गांधी के इस बयान ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं, खासकर संविधान, जातिवाद और गरीबों के हक की रक्षा को लेकर।

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