रांची: राजधानी रांची की सड़कों पर जगह-जगह लटकते और बेतरतीब तार अब आमजन के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। शहर के चौक-चौराहों, डिवाइडरों और मुख्य सड़कों पर फैले इन तारों की अनदेखी अब जानलेवा साबित हो रही है। सबसे अधिक प्रभावित बाइक सवार हैं, जो इन झूलते तारों में फंसकर आए दिन घायल हो रहे हैं। कई मामलों में यह दुर्घटनाएं इतनी गंभीर हो जाती हैं कि लोगों की जान पर भी बन आती है। वहीं कई लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। जिससे लोग अब राजधानी की सड़कों पर चलने से भी डरने लगे हैं। हर वक्त उन्हें अनजाने खतरे का डर बना हुआ है।
सड़क तक पहुंच गए केबल तार
शहर के कई प्रमुख इलाकों जैसे अलबर्ट एक्का चौक, कोकर, हरमू, करमटोली चौक, मोरहाबादी, पुरुलिया रोड और डोरंडा जैसे स्थानों पर झूलते हुए इंटरनेट और केबल के तार सड़क तक नीचे आ चुके हैं। यह न केवल यातायात के लिए बाधा बन रहे हैं, बल्कि राहगीरों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा भी हैं। टूटे हुए तार हादसों को दावत दे रहे हैं।

ऐसे चोटिल हो रहे लोग
बीते सप्ताह कोकर इलाके में एक बाइक सवार युवक झूलते तारों में फंसकर सड़क पर गिर गया, जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। यह कोई अकेला मामला नहीं है। एक और घटना में करमटोली चौक पर सदर अस्पताल की महिला स्टाफ तारों में उलझ कर घायल हो गई। उन्हें भी अस्पताल ले जाना पड़ा।लगभग हर दिन शहर के किसी न किसी कोने से ऐसी दुर्घटनाओं की खबर सामने आती है, लेकिन प्रशासन और नगर निगम की नींद अब तक नहीं टूटी है।
मनमाने ढंग से बिछा रहे जाल
लोगों का आरोप है कि नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां मनमाने ढंग से तार बिछा रही हैं। बिना किसी योजना के लगाए जा रहे ये तार अक्सर पुराने तारों के ऊपर ही लटकाए जा रहे हैं, जिससे सड़कों पर जाल जैसा दृश्य बन जाता है। खासकर रात के समय ये तार स्पष्ट नहीं दिखते और दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं।
आदेश जारी कर सो गया निगम
रांची नगर निगम ने पहले इन तारों को हटाने और सही तरीके से व्यवस्थित करने के लिए आदेश जारी किया था, लेकिन वह आदेश भी अब सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गया है। न तो निगम ने उस आदेश के अनुपालन की कोई निगरानी की और न ही कंपनियों पर कोई जुर्माना लगाया गया। अब तो लोग यहीं कह रहे है कि ये तार किसी दिन किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।