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बीमा पॉलिसी के गलत या उपलब्ध होने का हवाला देकर दावा रिजेक्ट नहीं कर सकतीं कंपनियां

केवल गलत पॉलिसी नंबर प्रदान करने से बीमा कंपनी की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती, क्योंकि दावेदारों को सही पॉलिसी नंबर जानने की आवश्यकता नहीं है'।

by Reeta Rai Sagar
JHALSA and SLMMC joint meeting at Jharkhand High Court chaired by Justices
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रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय देकर यह स्पष्ट किया है कि बीमा कंपनियां केवल इस आधार पर किसी दावे को अस्वीकार नहीं कर सकतीं कि दावे के लिए सही बीमा पॉलिसी नंबर उपलब्ध नहीं कराया गया है। यह निर्णय ‘रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम लिलमुनि मडैयन’ मामले में सुनाया गया।

मामला : लखिचंद मरैया की सड़क दुर्घटना में मृत्यु

जून 2010 में लखिचंद मरैया, जो एक कुशल बढ़ई थे और मासिक आय ₹9,000 थी, उनका एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। उनकी पत्नी और बच्चों ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) में शिकायत दर्ज की। 2016 में, ट्रिब्यूनल ने उन्हें लगभग ₹20.49 लाख का मुआवजा दिया और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को भुगतान करने का निर्देश दिया। हालांकि, बीमा कंपनी ने दावा किया कि दावेदारों ने गलत पॉलिसी नंबर प्रदान किया है, जिससे वे दावे से मुक्त हो जाते हैं।

उच्च न्यायालय का निर्णय

उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ‘केवल गलत पॉलिसी नंबर प्रदान करने से बीमा कंपनी की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती, क्योंकि दावेदारों को सही पॉलिसी नंबर जानने की आवश्यकता नहीं है’। इसके अतिरिक्त, अदालत ने यह भी कहा कि बीमा कंपनी ने यह साबित नहीं किया कि दुर्घटना चालक की लापरवाही के कारण हुई थी। इसलिए, मुआवजे का आदेश बरकरार रखा गया।

IRDAI की नई गाइडलाइंस

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 2024 में एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि ‘किसी भी सामान्य बीमा कंपनी द्वारा दस्तावेजों की कमी के कारण कोई दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा’। बीमा कंपनियों को पॉलिसी जारी करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज एकत्र करने होंगे और दावा निपटान के समय केवल उन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जो सीधे दावे से संबंधित हैं।

बीमा दावा निपटान में सुधार

IRDAI ने दावा निपटान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई सुधार किए हैं…

• दावा निपटान समय सीमा : बीमा कंपनियों को सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर दावा निपटान करना होगा।
• दस्तावेज़ीकरण : दावे के लिए केवल उन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जो सीधे दावे से संबंधित हैं, जैसे कि दावा फॉर्म, ड्राइविंग लाइसेंस, मरम्मत बिल, FIR आदि।
• ग्राहक सूचना पत्र (CIS) : पॉलिसी के साथ एक संक्षिप्त सूचना पत्र प्रदान किया जाएगा, जिसमें पॉलिसी की शर्तें, कवरेज और दावा निपटान प्रक्रिया की जानकारी होगी।

यदि आप या आपके परिवार के सदस्य बीमा पॉलिसी के विवरण से परिचित नहीं हैं, तो भी दावा निपटान में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। बीमा कंपनियों को वैकल्पिक जानकारी का उपयोग करके पॉलिसी की पहचान करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, IRDAI की नई गाइडलाइंस के अनुसार, दस्तावेज़ों की कमी के कारण कोई दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा, बशर्ते अन्य आवश्यक जानकारी उपलब्ध हो।

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