रांची: शनिवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने समाहरणालय से सड़क सुरक्षा जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। जिसके तहत लोगों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की जानकारी दी जाएगी। वहीं लोगों से नियमों का पालन करने की अपील भी जिला प्रशासन करेगा। बता दें कि 36वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 1 जनवरी से 31 जनवरी 2025 तक मनाया जा रहा है। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी सदर रांची उत्कर्ष कुमार, पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक रांची, जिला परिवहन पदाधिकारी रांची अखिलेश कुमार, सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी अधिकारी और पदाधिकारी के अलावा सम्बंधित सभी अधिकारी मौजूद थे।
लोगों को जागरूक करेगा रथ
उपायुक्त ने रथ रवाना करने के दौरान कहा की शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा जागरूकता रथ चलेगा जो लोगों को यातायात के नियमों की जानकारी देते हुए जागरूक करेगा। उन्होंने कहा की सड़क सुरक्षा को नियमित रूप से मनाने का निर्णय लिया गया है। दुर्घटना ना हो इसको लेकर यातायात नियमों का पालन करें। आज सड़कों पर वाहन की संख्या बढ़ चुकी है। जिस कारण दुर्घटना हो रही है। उपायुक्त रांची ने बताया कि दो पहिया वाहन से दुर्घटना में 86 प्रतिशत मृत्यु हो रही है, चार पहिया वाहन से 80 प्रतिशत की मृत्यु सीट बेल्ट नही लगाने के कारण हो रही है।
इसलिए कुछ सावधानियां आपको बड़े शारीरिक नुकसान से बचा सकती है। इसलिए दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर लगाए, चार पहिया चलाते वक्त सीट बेल्ट जरूर लगाए। ग्रामीण क्षेत्र में भी सड़क सुरक्षा जरूरी है। देखा जाता है ग्रामीण अपने पालतू जानवर सड़क पर ही छोड़ देते है, सड़क पर ही धान सुखाते है। जिस कारण सड़क संकरी हो जाती है और दुर्घटना होती है।
नाटक के माध्यम से किया जागरूक
जिला परिवहन कार्यालय द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए कला दल के सदस्यों ने नृत्य और नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे है। प्रस्तुति लोगों को अपने ओर आकर्षित कर रहा है। लोग रुक कर इनका प्रदर्शन देख रहें है।
हिट एंड रन मामले में मुआवजे का प्रावधान
परिवहन विभाग झारखण्ड सरकार की अधिसूचना के अनुसार सड़क दुर्घटना में हिट एण्ड रन (वाहन द्वारा दुर्घटना कर भाग जाने के परिस्थिति में) मामलों में पीड़ित पक्ष को मुआवजा दिलाने का प्रावधान है। सड़क दुर्घटना से मृत्यु होने पर यह 2,00,000 रूपये तथा गंभीर रूप से घायल होने पर यह 50,000 रूपये निर्धारित किया गया है। मुआवजा दिलाने हेतु जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।
ये भी है पॉलिसी
- सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर यानि एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाने पर गुड सेमिरिटन को 2000 पुरस्कार राशि दी जाएगी।
- यदि दो गुड सेमिरिटन किसी सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचाने में सहायता करते है, तो दोनों गुड सेमिरिटन को 2000 – ₹2000 पुरस्कार राशि दी जायगी।
- यदि दो से अधिक गुड सेमिरिटन घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में अस्पताल पहुंचाते है, तो सरकार द्वारा 5000 पुरस्कार राशि, उन सभी के बीच समान रूप से बांटी जाएगी।
- यदि गुड सेमिरिटन को पुलिस या अदालत द्वारा जांच के लिए बुलाया जाता है, तो प्रति दिन 1000 की दर से गुड सेमिरिटन के बैंक खाते में हस्तांतरित किये जाएंगे ।
- पीड़ित को वाहन से अस्पताल ले जाने पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान है।
- यह पुरस्कार राशि जांच के लिए बुलाये जाने पर दी जाने वाली राशि तथा वाहन पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति राशि निकटवर्ती स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा दी जायगी।
सड़क दुर्घटना होने पर क्या करें
- एम्बुलेंस को कॉल करें
- पुलिस को सूचित करें।
- जख्मी व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल ले जाएं।
- पीड़ित के फोन में सेव आपातकालीन संपर्क नंबर पर कॉल करें।
- गुड सेमेरिटन नियम
- उन लोगों के लिए बुनियादी कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, जो घायल व्यक्ति की सहायता
करते हैं।
- जीवन दूत ऐप टॉल फ्री नं. 108 पर कॉल कर बेसिक एम्बुलेंस और एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा का लाभ उठाएं।
- पीड़ित को अस्पताल में पहुंचाने के बाद गुड सेमेरिटन को अनावश्यक रोका नहीं जायेगा। गुड सेमेरिटन को पुलिस द्वारा पूछताछ या साक्षी बनne के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।