- सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन की ओर से भाषा के प्रति लगाव पैदा करने की अनोखी पहल
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत नगर भवन सरायकेला में एक दिवसीय सेमिनार आकांक्षाएं : विंग्स ऑफ एस्पिरेशन का आयोजन किया गया
- फिल्मकार रुचिका नेगी की ओर से बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का हुआ प्रदर्शन, कहा,फिल्मों में वो दिखाएं, जो आप कहना चाहते हैं
- उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने कहा- जीवन की अनुभूतियों से सीखने की जरूरत, कॅरियर का चुनाव अपनी रुचि के अनुसार करें
- वक्ताओं ने टेक्नोलॉजी तथा सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग का दिया संदेश, युवा आइएएस रीना हांसदा ने कहा, कोई हो सकता है प्रेरणस्रोत
सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन की ओर से आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत शनिवार को नगर भवन, सरायकेला में एक दिवसीय सेमिनार आकांक्षाएं : विंग्स ऑफ एस्पिरेशन का आयोजन किया गया। इस दौरान अनोखी पहल करते हुए जिला प्रशासन ने सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 500 बच्चों के बीच डिक्शनरी का वितरण किया। कार्यक्रम के जरिए एक तरफ जहां युवा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया गया वहीं दूसरी तरफ बच्चों में भाषा के प्रति बैठे डर को दूर करते हुए अनुराग और समझ विकसित करने का प्रयास किया गया। दरअसल, वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट में बार-बार यह बात सामने आती है कि झारखंड जैसे राज्यों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई बच्चे अपनी कक्षा के मापदंड के अनुसार भाषाएं नहीं समझते। हिंदी, अंग्रेजी लिखने, पढ़ने और बोलने में सक्षम नहीं होते। प्रदेश में संभवत: पहली बार सरायकेला जिला प्रशासन ने जमीनी स्तर पर पहुंचकर इन समस्याओं को समझने और समाधान का विकल्प तलाशने का प्रयास किया है। इससे पहले कार्यक्रम का मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा सामूहिक रूप से द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इन वक्ताओं ने रखे विचार
इस दौरान रुचिका नेगी एवं चंद्रहास चौधरी द्वारा हमारे बीच में एक संवाद, रीना हांसदा एवं संजय झा द्वारा शिक्षा और प्रशासन के बीच चुनौतियों का सामना, रामचंद्र सोय, राजनकुमारी प्रधान, धर्मेंद्र उरांव, बसंती हेम्ब्रम, सोमवारी मुंडा,अरुण सोय तथा चंद्रहास चौधरी, संजय कच्छप आदि द्वारा झारखंड में युवाओं के लिए अवसर और चुनौतियां तथा रमेश कार्तिक नायक, हंसराज सोवेन्द्र शेखर द्वारा मैंने लिखना क्यों शुरू किया विषय पर चर्चा कर उपस्थित युवाओं को भविष्य में रुचि के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ाने, शिक्षा के बीच आने वाली चुनौतियों से सकरात्मक सोच के साथ आगे निकल कर अपना लक्ष्य प्राप्त करने, विकसित समाज में महिला शिक्षा एवं महिलाओं के सशक्तीकरण आदि के बारे में जानकारी देकर प्रेरित किया गया।

इस दौरान फिल्मकार रुचिका नेगी की ओर से बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन हुआ। उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि- फिल्म निर्माण के क्षेत्र में बेहतर युवाओं के लिए बेहतर अवसर हैं। युवाओं को चाहिए कि वे व्यवसायिक दबाव से मुक्त होकर फिल्में बनाएं और अपनी फिल्मों में वो दिखाएं, जो आप कहना चाहते हैं।
उपायुक्त ने बढ़ाया बच्चों का हौसला
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों तथा संस्थानो से उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं आमजनों का स्वगात किया। अपने संबोधन में उपायुक्त ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम कॅरियर काउंसिलिंग तक सीमित नहीं होने चाहिए, जीवन के अनुभव तथा आज के दौर में अपनी दिनचर्या की अनुभूतियों से सीखने तथा समझने की आवश्यकता है।

उपायुक्त ने कहा कि आज के दौर में टेक्नोलॉजी तथा सोशल मीडिया का सकारात्मक दिशा में उपयोग करें तथा अपने समाज एवं राष्ट्र के विकास में अपना सहयोग करने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने बच्चों के पास पहुंचकर उनसे बात की, उनका हौसला बढ़ाया।
इन विषयों पर हुई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान अलग-अलग सत्र के माध्यम से पैनलिस्ट के द्वारा आज के दौर में सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग,डॉक्यूमेंट्री निर्माण, जातिगत भावना को दूर कर मित्रता पूर्वक व्यवहार रखने,अपने समाज तथा राष्ट्र के विकास में आगे आकर अपना योगदान देने तथा समाज में महिला विकास तथा महिलाओं को शिक्षित करने की अवधारणा को बढ़ाने आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी साझा की गई। इस क्रम में सत्रवार प्रश्नोत्तरी का आयोजन कर छात्र-छात्राओं की शंका-दुविधा को दूर किया गया।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुणायत, उपविकास आयुक्त प्रभात कुमार बरदियार, निदेशक डीआरडीए डॉ. अजय तिर्की, सहायक समाहर्ता कुमार रजत, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला, जिला योजना पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।