राउरकेला :ओडिशा-झारखंड सीमा पर चार टन विस्फोटक लूटकांड के दूसरे दिन भी पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। लूट के बाद लगातार चल रहे तलाशी अभियान के बावजूद सुरक्षा बल अब तक नक्सलियों के मंसूबों को भांप पाने में नाकाम रहे हैं।
घटना की गंभीरता को देखते हुए ओडिशा के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और जांच की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और ऑपरेशन टीम के साथ बैठक कर सर्च ऑपरेशन को और तेज करने के निर्देश दिए। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि जब तक लूटे गए विस्फोटकों का सुराग नहीं मिलता, तब तक तलाशी अभियान में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
इस बीच, झारखंड के सीमावर्ती इलाकों – दीघा, थोलकोबाद और छोटानागरा – में हाई अलर्ट जारी है। खुफिया एजेंसियों को शक है कि नक्सली लूटे गए विस्फोटकों को छोटे हिस्सों में बांटकर सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचा रहे हैं।
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस समय रहते नक्सलियों की इस साजिश को विफल कर पाएगी, या फिर यह चूक किसी बड़े खतरे में बदल जाएगी।
फिलहाल सीमावर्ती इलाकों में सर्च ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही विस्फोटक बरामद होंगे और दोषियों की गिरफ्तारी की जाएगी। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह घटना माओवादियों की हताशा और आक्रामकता का संकेत हो सकती है, क्योंकि हाल के महीनों में झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ कई नक्सल विरोधी अभियान चलाए गए हैं जिससे नक्सलियों को भारी नुकसान होता देखा गया है।
आशंका व्यक्त की जा रही है कि पुलिस के अभियान से चोट खाई नक्सली किसी बड़े साजिश और विध्वंसक हमले की तैयारी कर रहे हैं। जिससे सुरक्षबलों या फिर आम जनमानस को बड़ा नुकसान हो सकता है। अब यह झारखण्ड और ओडिशा पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी है कि नक्सलियों की विध्वंसक साजिश को नाकाम किया जाए और लुटे गए विस्फोटकों के जखीरा को सुरक्षित बरामद किया जाए।
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